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कड़ी कार्रवाई जरूरी

strict action necessary

देश में हाल ही में घटित हो रही कुछ घटनाओं ने अनेक सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले कई जगहों पर ट्रेन हादसों की खबरें आईं ंजिनमें ट्रेनों के पटरी से उतरने की घटनाएं शामिल थीं। इन घटनाओं में कुछ संदिग्ध गतिविधियों के संकेत मिले जिससे इन हादसों के पीछे साजिश की आशंका जताई जा रही है। अब इसी कड़ी में एक और गंभीर मामला सामने आया है; विमानों को निशाना बनाने की धमकियां देने का। हाल ही में अनेक विमानों की सुरक्षा में सेंध लगाने और उड़ानों को बाधित करने के प्रयासों की खबरें भी सामने आ रही हैं। इन घटनाओं के पीछे कोई बड़ी साजिश होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

घरेलू हो अथवा बाहरी उड़ान; विमानों और हवाई अड्डों को बम से उड़ाने की धमकी का सिलसिला थमता नहीं दिखाई दे रहा है। देश की विमानन कंपनियों को मंगलवार 22 अक्टूबर को बीते 24 घंटों में 80 घरेलू व अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में बम की फर्जी धमकी मिली। सोमवार रात तक 30 और मंगलवार को 50 उड़ानों को धमकियां मिलीं। इसके चलते जेद्दा जा रही इंडिगो की तीन उड़ानों को सऊदी अरब व कतर में उतारना पड़ा। बीते दस दिनों में 170 से अधिक उड़ानों में बम की धमकी मिल चुकी है। शुक्र है कि अभी तक कोई अप्रिय घटना नहीं घटी है पर इन्हें हल्के में भी नहीं लिया जा सकता। रेलवे के बाद परिवहन और यातायात के लिए हवाई यात्रा की आज अच्छी-खासी निर्भरता है। लाखों की संख्या में लोग रोज इनसे यात्रा करते हैं। ये धमकियां जहां अनावश्यक रूप से विमानन क्षेत्र को आर्थिक हानि पहुंचा रही हैं वहीं यात्रियों के मन में भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंताएं उत्पन्न कर रही हैं।

इसमें कोई शक नहीं है कि पिछले कुछ दिनों में विमान में बम की अफवाहों ने सिस्टम और यात्रियों का सिरदर्द बढ़ा दिया है और विमानन कंपनियों को अब तक कई करोड़ रुपये का नुकसान भी हो चुका है। यह अच्छी बात है कि इन बढ़ती धमकियों के बीच सरकार और सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और कार्रवाई की तैयारी में जुट गई हैं। दिल्ली पुलिस ने इन धमकियों को गंभीरता से लेते हुए अब तक 8 मामले दर्ज किए हैं। सुरक्षा एजेंसियां मामले की गहराई से जांच कर रही हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि ये धमकियां कहां से आ रही हैं। केंद्र सरकार ने डीजीसीए प्रमुख विक्रम देव दत्त को भी उनके पद से हटा दिया है।

विमान ही नहीं, देश के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ महीनों से ट्रेनों के पटरी से उतरने की कई घटनाएं भी सामने आई हैं। देश में लगातार कहीं न कहीं ट्रेन पटरी से उतर रहीं हैं या फिर ट्रैक पर रसोई गैस सिलिंडर, लोहे का खंभा या फिर अन्य तरह के ऑब्जेक्ट रखकर ट्रेनों को पटरी से उतारने की कोशिशें की जा रही हैं। इन जैसी तमाम घटनाओं को रोकने के लिए गृह मंत्रालय, एनआईए, सीबीआई और रेल पुलिस मिलकर योजना बनाने से लेकर हर कोशिश कर रहे हैं पर इसके बावजूद इन घटनाओं को रोका नहीं जा सका है। यही नहीं; देश के कोने-कोने को वंदे भारत एक्सप्रेस से जोड़ने के अपने लक्ष्य में भारतीय रेलवे लगातार नई ट्रेनों को भी लॉन्च कर रहा है। ‘देश की शान’ समझी जाने वाली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस पर भी पत्थरबाजी की घटनाओं में इजाफा देखने को मिला है। रेलवे अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों ने इन मामलों की भी जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में कुछ हादसों में जानबूझकर पटरी को नुकसान पहुंचाने के सबूत मिले हैं। इन सबूतों के आधार पर शक जताया जा रहा है कि देश के खिलाफ कोई बड़ी साजिश तो नहीं रची जा रही है।

यह भी संभव है कि कुछ ऐसे तत्व हैं जो नहीं चाहते कि भारत का वैश्विक मंच पर उदय हो। इसलिए वे इसके विकास की राह में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। ऐसे तत्वों को डर है कि अगर भारत का व्यापक पैमाने पर विकास होता है तो उनका क्या होगा। ऐसे तत्व बीच-बीच में देश के विकास की राह में बाधा उत्पन्न करने के लिए अपनी सारी शक्ति का इस्तेमाल करते रहते हैं। वे योजनाबद्ध तरीके से हमले करते रहते हैं, चाहे वे भौतिक हों या सूक्ष्म लेकिन इनसे भयभीत होने के बजाय हमें ऐसी प्रणाली को विकसित करना चाहिए ताकि ये कहीं से भी सिर उठाएं, उन्हें शीघ्रातिशीघ्र पकड़ा जा सके। साथ ही ऐसे सख्त नियम और व्यवस्था भी जरूरी है जिससे इस तरह के अपराध करने वालों अथवा झूठी धमकियां देने वालों के भीतर इतना भय पैदा हो जाए कि कोई भी ऐसी साजिश रचने के बारे में सोचने से पहले ही उनकी रूह कांप जाए।

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