ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। मराठा काल के 12 किलों को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया है। इनमें महाराष्ट्र के 11 किले हैं। वहीं, तमिलनाडु का एक जिंजी किला भी सूची का हिस्सा है। सभी किले 17वीं से 19वीं सदी के बीच बने थे।
महाराष्ट्र के 11 किलों में सिंधु और शिवनेरी जैसी किले शामिल हैं। रायगढ़ दुर्ग जहां छत्रपति शिवाजी का राजतिलक हुआ था, भी इस सूची में है। इसके अलावा सालहेर, लोहगढ़, खंडेरी, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला, विजय दुर्ग किले शामिल हैं। पेरिस में यूनेस्को की 47वीं बैठक में इस लिस्ट का एलान किया गया। इससे मराठा इतिहास और विरासत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। अब भारत की कुल 44 धरोहर वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल हो गई हैं।
3 महीने में दूसरी बार
यूनेस्को लिस्ट में भारत
पिछले तीन महीनों में यह दूसरा मौका है जब यूनेस्को की किसी लिस्ट में भारत का नाम शामिल हुआ है। 18 अप्रैल को श्रीमद् भगवत गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को यूनेस्क ने अपने मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल किया था।
1992 में शुरू हुआ था मेमोरी
ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर
यूनेस्को का मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर एक अंतरराष्ट्रीय पहल है, जिसे यूनेस्को ने 1992 में शुरू किया था। इसका उद्देश्य विश्व के महत्वपूर्ण दस्तावेजी विरासतों को पहचान देना, उसे संरक्षित करना और लोगों की पहुंच में लाना है। यह एक अंतरराष्ट्रीय रजिस्टर है जिसमें विश्वभर के ऐतिहासिक दस्तावेज, पांडुलिपियां, दुर्लभ पुस्तकें, चित्र, फिल्में, ऑडियो रिकॉर्डिंग, आदि को शामिल किया जाता है, जिनका ऐतिहासिक, सांस्कृतिक या सामाजिक महत्व होता है।































