ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। नीट पेपर लीक मामले में एमबीबीएस के 26 छात्र दोषी पाए गए हैं, जिन्हें तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया गया है। इनके अलावा 14 छात्रों का प्रवेश भी रद किया गया है। इन्हें शैक्षणिक सत्र 2024-25 के दौरान मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिला था। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने मेडिकल कॉलेजों को जारी आदेश में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की सिफारिश का हवाला देते हुए कहा है, सभी दोषी छात्रों को निलंबित किया जाए। एक अधिकारी ने बताया कि पिछले साल प्रवेश परीक्षा के कुछ प्रश्न पत्र और उनके उत्तर टेलीग्राम पर जारी हुए थे। पेपर लीक की जांच में सीबीआई ने दोषी एमबीबीएस के 26 छात्रों की पहचान की है। इनके अलावा 14 अन्य छात्र हैं, जिनका परीक्षा में व्यवहार अनुचित था। इनके प्रवेश को अमान्य करार किया गया है।
एनएमसी ने कहा, ऐसे कदाचार से न सिर्फ परीक्षा प्रक्रिया की पवित्रता भंग होती है, बल्कि चिकित्सा शिक्षा के मानकों और सार्वजनिक विश्वास के लिए भी खतरा पैदा होता है। आयोग शैक्षणिक धोखाधड़ी के प्रति अपनी शून्य-सहिष्णुता की नीति को दोहराता है और चिकित्सा प्रवेश में ईमानदारी, पारदर्शिता व जवाबदेही बनाए रखने के लिए सभी उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मास्टरमाइंड खोल रहा कई
राज, गुजरात से शुरुआत
पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया सीबीआई की हिरासत में है। पूछताछ में उसने बताया कि 5 मई, 2024 को हुई नीट का जब पेपर लीक हुआ, तब वह गुजरात में था। गोधरा के जिस जय जलाराम स्कूल के परीक्षा केंद्र से पेपर लीक हुआ, वह वहां से महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर मौजूद था।