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7वें इंडिया मैन्युफैक्चरिंग शो में आत्मनिर्भर भारत की झलक

A glimpse of self-reliant India at the 7th India Manufacturing Show
गुलशन वर्मा

नई दिल्ली। बेंगलुरु के 7वें इंडिया मैन्युफैक्चरिंग शो (आईएमएस 2025) में भारतीय रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर की नई तकनीकी उपलब्धियां दुनिया के सामने रखी गईं ं । इस शो में इंडियन एयर फोर्स, डीआरडीओ, एचएएल और प्राइवेट इंडस्ट्रीज ने अपने अत्याधुनिक मॉडल्स, टूल्स और इंजन टेक्नोलॉजी के जरिए आत्मनिर्भर भारत की झलक पेश की।
कार्यक्रम में इंडियन एयर फोर्स के ‘सारंग हेलिकॉप्टर’ का स्केल मॉडल मुख्य आकर्षण रहा। यह वही हेलिकॉप्टर है जो अपने एयर शो परफॉर्मेंस और स्टंट फ्लाइट्स के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। इसके अलावा आईएएफ के जेट एयरक्राफ्ट का मॉडल भी प्रदर्शित किया गया, जो भारत की एविएशन क्षमता और आने वाले जनरेशन फाइटर टेक्नोलॉजी की झलक दिखा रहा था। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस बार का शो पूरी तरह फ्यूचर-रेडी मैन्युफैक्चरिंग पर केंद्रित है जिसमें एआई-आधारित सिस्टम, 3डी मेटल प्रिंटिंग और प्रिसीजन इंजीनियरिंग जैसे सेक्टरों पर जोर दिया गया है।
इस शो का एक बड़ा आकर्षण रहा डीआरडीओ द्वारा विकसित ‘कावेरी डेरिवेटिव इंजन (केडीई)’ का मेटल आरपी मॉडल। यह भारत का स्वदेशी जेट इंजन प्रोजेक्ट है, जिसे आने वाले वर्षों में डिफेंस और एयरोस्पेस प्लेटफॉर्म्स में शामिल करने की तैयारी है। इस मॉडल ने दिखाया कि भारत अब इंजन टेक्नोलॉजी में भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि कावेरी इंजन की यह डेरिवेटिव सीरीज भारतीय फाइटर एयरक्राफ्ट प्रोग्राम्स जैसे एलसीए तेजस, एएमसीए और ड्रोन प्रोजेक्ट्स के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है। शो में एमएआरजी 39 का मॉडल भी प्रदर्शित किया गया, जिसने इंजीनियरिंग छात्रों से लेकर रक्षा विशेषज्ञों तक सभी का ध्यान खींचा। यह मॉडल भारत की मैन्युफैक्चरिंग इनोवेशन और एडवांस्ड डिज़ाइन कैपेबिलिटी का प्रतीक बताया जा रहा है। इसके साथ ही 3डी मैन्युफैक्चरिंग, सीएनसी टूल्स और हाई-प्रिसीजन कंपोनेंट्स जैसी नई तकनीकों की लाइव डेमो भी दी गई।
कार्यक्रम में इंडस्ट्री प्रतिनिधियों ने कहा कि अब भारत सिर्फ एक मैन्युफैक्चरिंग बेस नहीं, बल्कि डिजाइन और इनोवेशन का ग्लोबल हब बन रहा है। भारत के पास स्किल, स्केल और स्पीड है। तीनों में वह क्षमता है जो आने वाले दशक में उसे दुनिया की सप्लाई चेन का सबसे अहम हिस्सा बना सकती है।
आईएमएस 2025 में सिर्फ भारतीय पब्लिक सेक्टर नहीं, बल्कि प्राइवेट इंडस्ट्री और स्टार्टअप्स ने भी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। शो का मकसद भारत को ‘मेक इन इंडिया’ से आगे ले जाकर ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ की दिशा में स्थापित करना है। शो में सरकार और उद्योग जगत के बीच इंडस्टि्रयल पॉलिसी पर भी चर्चा हुई। ‘डिजिटल ट्विन टेक्नोलॉजी’, ‘रोबोटिक ऑटोमेशन’ और ‘ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग’ जैसे विषयों पर फोकस रहा।

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