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ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच भारत अपने पुराने दोस्त रूस के साथ करेगा बात

India can play an important role in ending the war between Russia and Ukraine
आस्था भट्टाचार्य

नई दिल्ली। डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने दुनियाभर के देशों से आयात पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला किया तो वैश्विक व्यापार के क्षेत्र में खलबली मच गई। सभी देश ट्रंप प्रशासन के फैसले के असर को कम करने की जुगत में जुट गए हैं। बढ़े हुए अमेरिकी टैरिफ का ताप भारत भी महसूस कर रहा है। इस बीच भारत और रूस के विदेश विभाग के बीच वार्षिक परामर्श कार्यक्रम का वक्त आ गया है। इसके लिए भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी रूस जा रहे हैं। 7 मार्च को होने वाली मीटिंग में दोनों देशों के रिश्तों की समीक्षा की जाएगी। स्वाभाविक है कि इस समीक्षा बैठक में ट्रंप प्रशासन की तरफ से छेड़े गए ‘टैरिफ वॉर’ के मद्देनजर मुद्दे उठ सकते हैं।

मीडिया जगत ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि विदेश सचिव विक्रम मिसरी अपने रूसी समकक्ष के साथ गहन विचार विमर्श करेंगे। इसके अलावा, मिसरी अपने एक दिन के दौरे में रूस के शीर्ष नेतृत्व से भी मिलेंगे। इस दौरे से दोनों पक्षों को महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का मौका मिलेगा।

क्या होगी बात

सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ाना एक अहम मुद्दा होगा। खासकर भारतीय निर्यात को बढ़ाकर दोतरफा व्यापार को और संतुलित बनाने की पहल पर गंभीर चर्चा होनी है। पश्चिमी देशों के अतिरिक्त प्रतिबंधों के बावजूद भारत को रूसी ऊर्जा आपूर्ति बनाए रखना भी चर्चा का विषय होगा। सूत्रों के मुताबिक, विदेश सचिव की रूस में होने वाली बैठकों में ये मुद्दे प्रमुखता से उठेंगे।

रूस से व्यापार घाटा घटाने पर भारत का जोर
अभी दोनों देशों के बीच लगभग 66 अरब डॉलर का व्यापार होता है लेकिन यह रूस के पक्ष में झुका हुआ है क्योंकि 2022 से भारत बड़ी मात्रा में कच्चा तेल खरीद रहा है। भारत ने व्यापार को संतुलित बनाने के लिए रूसी बाजारों में अधिक पहुंच की मांग की है। पिछले साल, दोनों पक्षों ने 2030 तक 100 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य रखा था।

तेल निर्यात पर यूरोपीय देशों की कड़ाई
यूरोपीय देशों ने रूस से तेल निर्यात को रोकने के लिए प्रतिबंध बढ़ा दिए हैं। रूस, भारत के लिए शीर्ष दो ऊर्जा आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। रूस के शैडो फ्लीट पर नए प्रतिबंधों ने दुनिया भर में तेल की आपूर्ति करने की देश की क्षमता को प्रभावित किया है। ये शैडो फ्लीट ऐसे जहाज होते हैं जो प्रतिबंधों से बचने के लिए गुप्त रूप से काम करते हैं।

और मजबूत होंगे संबंध
विदेश सचिव का यह दौरा रूस के लिए भारत को यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के नवीनतम प्रयासों के बारे में जानकारी देने का एक अवसर माना जा रहा है। खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से संपर्क करने और यूरोप को सुरक्षा गारंटी प्रदान करने की पारंपरिक अमेरिकी स्थिति से दूर हटने के बाद। यह दौरा दोनों देशों के लिए रिश्तों को मजबूत करने और आपसी सहयोग को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण मौका है। इससे आगे चलकर दोनों देशों के बीच और भी व्यापारिक और राजनीतिक संबंध मजबूत होने की उम्मीद है। भारत और रूस के बीच यह परामर्श दोनों देशों के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

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