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राज्य में बसेगा नोएडा जैसा एक और शहर

Another city like Noida will come up in the state
संजय द्विवेदी

लखनऊ। गोरखपुर में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा)) की स्थापना 35 साल पहले की गई थी। हाल के कुछ सालों में प्राधिकरण के तहत तेजी से विकास कार्य हुए हैं। यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के गठन के बाद सात सालों में यहां पर कई बड़ी परियोजनाओं की नींव पड़ी है।

योगी सरकार में गीडा को केंद्रित कर गोरखपुर में औद्योगिक विकास की रफ्तार साल दर साल बढ़ी है। 30 नवंबर को गीडा के 35वें स्थापना दिवस पर विकास की एक नई गाथा लिखी जाएगी। इस दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 88 नए औद्योगिक भूखंडों का आवंटन कर 1286 करोड़ रुपये के निवेश और 5200 लोगों के रोजगार का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

गीडा में निवेश की बाढ़
गीडा क्षेत्र में इससे पहले लचर कानून व्यवस्था, सुविधाओं के घोर अभाव और सरकारों के उदासीन रवैये से निवेश दूर की कौड़ी बन चुका था। अब उसी गीडा में हालिया कुछ सालों में निवेश की बाढ़ सी आ गई है। उद्यमियों और उनकी पूंजी की सुरक्षा की गारंटी, इंडस्ट्री फ्रेंडली नीतियों के साथ समय-समय पर खुद उद्यमियों के बीच मुख्यमंत्री के होने से औद्योगिक माहौल बेहतर हो रहा है। नोएडा की तरह गीडा भी निवेश के लिए निवेशकों का पसंदीदा स्थल बन गया है।

एक साल में 501.68 एकड़ का अधिग्रहण
योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद सात साल में परिस्थितियां निवेश के काफी अनुकूल हुई हैं। इसके पहले गोरखपुर में स्थानीय पूंजीपति भी औद्योगिक निवेश करने से डरते थे पर अब वहां देश की नामी कंपनियों के आने की होड़ दिख रही है। निवेश के लिए भूखंडों की डिमांड बढ़ी तो स्वाभाविक तौर पर गीडा ने अपना लैंड बैंक भी मजबूत किया है। पिछले एक साल में (31 अक्टूबर 2024 तक) गीडा ने 501.68 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया। यह बीते साल की तुलना में दोगुना है। साल 2023-24 में गीडा ने 250.46 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था। जमीन की मांग और उसी के सापेक्ष अधिग्रहण की बढ़ती रफ्तार यह बताती है कि गीडा पूर्वांचल के बड़े औद्योगिक हब के रूप में तेजी से आकार ले रहा है।

1286 करोड़ का निवेश प्रस्तावित
सूत्रों के मुताबिक गोरखपुर में औद्योगिक विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए सीएम योगी गीडा के 35वें स्थापना दिवस पर समारोह में नए भूखंडों का आवंटन पत्र उद्यमियों को सौंपेंगे। गीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अनुज मलिक बताती हैं कि बीते एक साल में गीडा के जरिये आवंटित 88 भूखंडों पर कुल 1286 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है।

सीईओ अनुज मलिक के मुताबिक, इसमें जिन प्रमुख इकाइयों के लिए जमीनों का आवंटन किया गया है, उनमें एपीएल अपोलो ट्यूब्स लिमिटेड, एसएलएमजी पीईटी प्लांट, कपिला कृषि उद्योग, आईसन एयर कूलर, टेक्नोप्लास्ट पैकेजिंग प्राइवेट लिमिटेड, मॉडर्न पैकेजिंग प्राइवेट लिमिटेड, नोवामैक्स इंडस्ट्रीज व होटल नीलकंठ ग्रैंड शामिल हैं।

इन उद्योगों को करीब 3500 वर्गमीटर से लेकर 72000 वर्गमीटर तक के भूखंड आवंटित किए गए हैं। इनमें 50 करोड़ से लेकर 320 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावित हैं। गीडा के स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से जुड़े 123 करोड़ रुपये के कार्यों का शिलान्यास और 86 करोड़ रुपये के कार्यों का लोकार्पण करेंगे। इसके साथ ही वह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस बढ़ाने के लिए निवेश मित्र पोर्टल पर इंटीग्रेट होने वाली गीडा की 20 सुविधाओं का शुभारंभ भी करेंगे।

निवेश हब में क्या है खास
गीडा में निवेश का इको सिस्टम बनाने में रोड, रेल और एयर कनेक्टिविटी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लंबे दौर तक पहचान को जूझता रहा यह क्षेत्र इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, रोड, रेल और एयर कनेक्टिविटी के मामले में मजबूत होकर औद्योगिक नक्शे पर अपनी चमक बिखेर रहा है।

बेहतर कनेक्टिविटी के साथ गीडा में 25 एकड़ में गारमेंट पार्क, 88 एकड़ में प्लास्टिक पार्क विकसित हो रहा है। इसके अलावा 34 करोड़ रुपये की लागत से फ्लैटेड फैक्ट्री भी बन रही है। गीडा की तरफ से प्लास्टिक पार्क प्रोजेक्ट गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे सेक्टर-28 में 88 एकड़ विकसित किया गया है।

यहां प्लास्टिक उद्योग की 92 इकाइयों के लिये स्थान और समस्त आवश्यक अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इससे लगभग 5000 व्यक्तियों को रोजगार मिल सकेगा। इसके अलावा सरकार 5500 एकड़ में धुरियापार में इंडस्टि्रयल कॉरिडोर बना रही है गीडा।

नया आगरा बसाने का खाका तैयार
ग्रेटर नोएडा। यमुना विकास प्राधिकरण न्यू आगरा अर्बन सेंटर को यमुना एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ किनारे पर बसाएगा। नया आगरा बसाने के लिए प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। शहर का खाका खींचने से पहले प्राधिकरण के अधिकारी मौके पर जाकर जमीन का सत्यापन करेंगे। इसके बाद ही इसे मास्टर प्लान 2041 में शामिल करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। शहर धरोहर और पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनेगा।

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