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उत्तराखंड की डेमोग्राफी बदलने की कोशिश

Attempt to change the demography of Uttarakhand
ब्लिट्ज ब्यूरो

देहरादून। उत्तराखंड में डेमोग्राफी बदलने की साजिश बेनकाब हुई है। नैनीताल के वनभूलपुरा में सीएससी से फर्जी स्थायी निवास, विवाह प्रमाणपत्र बनाने के खुलासे और तीन लोगों को गिरफ्तारी के बाद क्षेत्र में डेमोग्राफिक बदलाव को लेकर लंबे समय से उठ रही चिंताओं को अब और बल मिल गया है। पुलिस ने फर्जीवाड़े में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद डेमोग्राफिक बदलाव के लिए किए जा रहे प्रयासों का खुलासा किया।
पत्रकारों से रूबरू एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि वनभूलपुरा इलाका डेमोग्राफी चेंज की सबसे बड़ी चिंता का केंद्र रहा है। फर्जी दस्तावेजों के जरिए स्थायी निवास प्रमाणपत्र बनाने में जिनको पुलिस ने पकड़ा है वह एक व्यवस्थित गिरोह है।
गिरोह ने आधार, मैरिज सर्टिफिकेट और बिजली बिलों का दुरुपयोग कर फर्जी स्थाई निवास प्रमाण पत्र तैयार किए। गिरोह का मास्टरमाइंड फैजान तहसील में अरायजनवीस पद पर तैनात है। उसके पास तहसील का पूरा डाटा उपलब्ध था। जिसका इस्तेमाल वह फर्जीवाड़े के लिए कर रहा था। गिरोह का दूसरा सदस्य रईस है, जो आधार कार्ड के माध्यम से फर्जी स्थाई निवास और मैरिज प्रमाण पत्र बनाता था। तीसरा आरोपी दिनेश है जो उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड का कर्मचारी है।
बड़ा खुलासा
एसएसपी ने बताया कि कोई व्यक्ति फैजान को नाम देता था फिर दिनेश उस नाम पर पुराने बिजली बिल तैयार कर फैजान को सौंपता था। दिनेश के पास पुराना बिजली डाटा था, जिस पर वह बाकायदा प्रमाणित मुहर लगाकर उसे बिल उपलब्ध कराता था। इसके बाद फैजान इन बिलों को ‘अपनी सरकार’ पोर्टल पर अपलोड कर स्थाई निवास प्रमाण पत्र हासिल कर लेता था। एसएसपी ने इसे डेमोग्राफी बदलाव के लिए की जा रही कोशिश का ‘बड़ा खुलासा’ माना है।

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