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कनाडा ने पोस्ट ग्रेजुएट वर्क परमिट के नियम बदले

Canada changes rules for post graduate work permit
सुमित माथुर

नई दिल्ली। विदेश में पढ़ाई के लिए कनाडा भारतीयों की पहली पसंद रहा है, तभी यहां चार लाख से ज्यादा भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। कनाडा को हायर एजुकेशन के लिए चुनने की एक वजह ये है कि यहां पर पढ़ाई के बाद नौकरी के अवसर भी दिए जाते हैं। हालांकि, ‘इमिग्रेशन, रेफ्यूजी एंड सिटिजिनशिप कनाडा’ (आईआरसीसी) ने पोस्ट-ग्रेजुएट वर्क परमिट (पीजीडब्ल्यूपी) को लेकर बदलाव किया है, जिसके तहत अब छात्रों के लिए अंग्रेजी और फ्रेंच भाषा पर पकड़ या दक्षता होना जरूरी है।

कनाडा में पीजीडब्ल्यूपी उन छात्रों को दिया जाता है, जिन्होंने किसी कनाडाई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। इसके जरिए छात्रों को कनाडा का वर्क एक्सपीरियंस हासिल करने का मौका मिलता है। आमतौर पर पीजीडब्ल्यूपी एक से तीन साल तक वैलिड रहता है। सबसे अच्छी बात ये है कि पीजीडब्ल्यूपी पर काम करने के बाद कनाडा में परमानेंट रेजिडेंसी (पीआर) हासिल करने का चांस भी बढ़ जाता है। आइए समझते हैं कि पीजीडब्ल्यूपी हासिल करने के लिए किसी छात्र को कितना आइलेट्स स्कोर करना होगा।

आइलेट्स की आयोजक संस्था, इंटरनेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईडीपी) के अनुसार, पीजीडब्ल्यूपी के लिए जरूरी न्यूनतम आइलेट्स(आईईएलटीएस) स्कोर कोर्स के लेवल और पढ़ाई की जाने वाली फील्ड के आधार पर अलग-अलग है। यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट्स (बैचलर्स, मास्टर्स और पीएचडी) के लिए आईलेट्स जनरल ट्रेनिंग एग्जाम के चारों सेक्शन में कम से कम 6.0 बैंड स्कोर लाने जरूरी हैं। आइलेट्स के चार सेक्शन होते हैं, जिसमें रीडिंग (पढ़ना), राइटिंग (लिखना), लिसनिंग (सुनना) और स्पीकिंग (बोलना) शामिल हैं।

पीजीडब्ल्यूपी हासिल करने के लिए किस फील्ड की पढ़ाई जरूरी
आईआरसीसी ने बताया कि किस फील्ड से जुड़े कोर्स करने वाले छात्रों को पीजीडब्ल्यूपी दिया जाएगा। इन फील्ड का चयन इस आधार पर किया गया है कि इनमें काम करने वाले वर्कर्स की कमी है। कुल मिलाकर पांच ऐसी कैटेगरी हैं, जिनमें लेबर शॉर्टेज हैं और इन फील्ड से जुड़े कोर्स की पढ़ाई करने वाले छात्र आसानी से पीजीडब्ल्यूपी पा सकेंगे।

इन फील्ड्स में एग्रीकल्चर एंड एग्री-फूड, हेल्थकेयर, ‘साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स’ (स्टेम) ट्रेड और ट्रांसपोर्ट शामिल हैं। जिन स्टूडेंट्स के कोर्स इन फील्ड से जुड़े हुए नहीं हैं, उन्हें पीजीडब्ल्यूपी हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

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