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हरियाणा चुनाव में अनियमितता के कांग्रेस के आरोप निराधार

Congress's allegations of irregularities in Haryana elections are baseless
ब्लिट्ज ब्यूरो

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने हरियाणा चुनाव में किसी भी तरह की अनियमितता के कांग्रेस के आरोपों को निराधार, गलत और तथ्यहीन बताकर खारिज कर दिया है। आयोग ने कांग्रेस पार्टी को चुनाव दर चुनाव निराधार आरोपों से दूर रहने के लिए भी लिखा है। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने बीते एक साल के पांच ऐसे विशिष्ट मामलों का हवाला भी दिया है। आयोग ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को बिना किसी सबूत के चुनावी कार्यों पर आदतन हमलों से बचना चाहिये।

चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी को लिखे गए पत्र में ‘सामान्य’ संदेह का दावा कर हवा बनाने का आरोप लगाया। इस संदर्भ में आयोग ने कांग्रेस को सख्ती के साथ भविष्य में निराधार आरोपों से बचने का परामर्श भी दिया है। इतना ही नहीं चुनाव आयोग ने कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों को मतदान और मतगणना के दिनों जैसे संवेदनशील समय पर निराधार और सनसनीखेज शिकायतों के प्रति आगाह किया। उन्हें चेताया है कि यह प्रयास कभी भी सच को झूठ और झूठ को सच नहीं कर सकते।
चुनाव आयोग ने असुविधाजनक चुनावी नतीजों का सामना करने के बजाए अनावश्यक और अनर्गल प्रलाप के लिए पार्टी को आड़े हाथों लिया है। आयोग ने कांग्रेस से दृढ़ और ठोस कदम उठाने और तुच्छ शिकायतों की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने का आग्रह किया।

1642 पन्नों के जवाब में सबूत के साथ नसीहत भी
कांग्रेस के आरोपों पर चुनाव आयोग ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को 1642 पन्नों का जवाब भेजा है। इनमें आयोग ने जरूरी सबूत भी दिए हैं। आयोग ने कहा है कि हरियाणा में चुनावी प्रक्रिया के किसी भी चरण में कोई भी गलती नहीं थी। सब कुछ कांग्रेस के उम्मीदवार या उनके एजेंटों के सामने हुआ था। इसके लिए पार्टी को अपने कार्यकर्ताओं को विश्वास में लेना था। इसके बाद भी आयोग ने कांग्रेस द्वारा की गई 26 विधानसभा क्षेत्रों के संबंध में निर्वाचन अधिकारियों ने गहन पुनर्सत्यापन किया, बिंदुवार शिकायतों का अवलोकन किया।1600 पन्नों के जवाब में इस बात के भी सबूत दिए गए हैं कि कांग्रेस उम्मीदवारों के अधिकृत प्रतिनिधि सभी चरणों में मौजूद थे। इन चरणों में कमीशनिंग के समय ईवीएम में बैटरी रखना और उसके बाद 7-8 दिनों तक लगातार गिनती खत्म होने तक की प्रक्रिया शामिल है।

ईवीएम बैटरी को लेकर आरोप हास्यास्पद
आयोग ने कहा कि ऐसा कोई भी आरोप कि ईवीएम की बैटरी का स्तर मतदान के परिणामों को प्रभावित करता है, हास्यास्पद है। ईसीआई ने स्पष्ट किया कि बैटरी वोल्टेज और उसकी क्षमता का ईवीएम मतगणना संचालन से कोई संबंध नहीं है। कंट्रोल यूनिट पर बैटरी की स्थिति का प्रदर्शन पूरी तरह से तकनीकी टीमों को बिजली के स्तर की निगरानी करने में सहायता करने के लिए एक सुविधा है। जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि मतदान संचालन के दौरान उपकरण सुचारू रूप से काम करता है।

आयोग की वेबसाइट पर ईवीएम बैटरी पर पूरी जानकारी
ईसीआई ने अपनी वेबसाइट पर ईवीएम बैटरी पर विस्तृत जानकारी (एफएक्यू) की है, ताकि किसी भी वास्तविक प्रश्न का उत्तर दिया जा सके। जिसमें विश्वभर में प्रयुक्त विभिन्न प्रकार की बैटरी सेल, ईवीएम बैटरी में एल्कलाइन सेल का उपयोग, ईवीएम पावर पैक और मोबाइल फोन बैटरी में अंतर, ऑपरेटिंग वोल्टेज से स्वतंत्र ईवीएम की कार्यप्रणाली और विभिन्न आउटपुट वोल्टेज पर ईवीएम की कार्यप्रणाली व मतदान में पूरे दिन उपयोग के बाद भी कुछ सीयू में ईवीएम पावर पैक की स्थिति 99% क्यों दिखाई जाती है, जैसे तथ्य शामिल हैं।

कांग्रेस ने लगाए थे ये आरोप
गौरतलब है कि हरियाणा में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 90 में से 48 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी, जबकि कांग्रेस को 37, आईएनएलडी को दो और निर्दलीयों को तीन सीटें मिलीं। इसके बाद कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के राज्य के चुनाव नतीजों में अनियमितता का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से जांच कराने की मांग की थी। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग को हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना के दौरान ईवीएम में सामने आई विसंगतियों को लेकर कई शिकायतें सौंपी थीं। 20 विधानसभा क्षेत्रों के कांग्रेस उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग को दी गई अपनी शिकायत में आरोप लगाए हैं ‘जो ईवीएम 99 प्रतिशत चार्ज थीं, उन पर कांग्रेस पार्टी की हार हुई और जो ईवीएम 60-70 प्रतिशत चार्ज थीं, वहां कांग्रेस ने जीत दर्ज की। ये हैरानी की बात है।’

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