World's first weekly chronicle of development news

क्या भूख लगने से भी बिगड़ती है मेंटल हेल्थ

mental health
ब्लिट्ज ब्यूरो

नई दिल्ली। एक मशहूर कहावत है कि ‘पेट का रास्ता दिल से होकर गुजरता है’ लेकिन क्या आपको पता है दिमाग का रास्ता भी पेट से होकर गुजरता है। दरअसल, कई रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि पेट का कनेक्शन हमारी मेंटल हेल्थ से है जिसे इंग्लिश में गट-ब्रेन कनेक्शन भी कहते हैं।

क्या होती है गट हेल्थ?
आंतों में मौजूद गुड और बैड बैक्टीरिया का कनेक्शन हमारी गट हेल्थ से है। अगर आंत में ज्यादा बैक्टीरिया हो जाते हैं तो यह दिमाग के सेल्स पर काफी बुरा असर डालता है। ‘हार्वर्ड हेल्थ’ की रिपोर्ट के मुताबिक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट यानि आंत का सीधा कनेक्शन हमारे दिमाग से है। अगर उसमें दिक्क त होती है तो इसका असर मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। मस्तिष्क और आंत लगातार नसों और रासायनिक संकेतों के माध्यम से संचार करते हैं। वेगस तंत्रिका उन मुख्य नसों में से एक है जो दोनों को जोड़ती है, दोनों दिशाओं में संकेत भेजती है।

आंत के बैक्टीरिया
आंत के माइक्रोबायोटा सेरोटोनिन और गाबा जैसे न्यूरोट्रांसमीटर का उत्पादन करते हैं, जो मूड और भावनाओं को नियंत्रित करते हैं। आंत के माइक्रोबायोटा में असंतुलन इस संचार को बाधित कर सकता है और मानसिक स्वास्थ्य विकारों को जन्म दे सकता है। चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसे पाचन विकारों वाले लोगों में अवसाद और चिंता की दर अधिक होती है।

मनोवैज्ञानिक कारक
तनाव, अवसाद और अन्य मनोवैज्ञानिक कारक आंत के शरीर विज्ञान को प्रभावित कर सकते हैं जिसमें जीआई पथ की गति और संकुचन शामिल हैं। फेकल माइक्रोबायोटा प्रत्यारोपण एक प्रायोगिक उपचार है जिसमें एक व्यक्ति की आंत से बैक्टीरिया को दूसरे व्यक्ति की आंत में प्रत्यारोपित करना शामिल है।

अध्ययनों से पता चला है कि एफएमटी कुछ मामलों में अवसाद और चिंता के लक्षणों में सुधार कर सकता है। आंत के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए, आप ये कर सकते हैं। किण्वित खाद्य पदार्थों और फाइबर के साथ पौधे-आधारित आहार खाएं, पर्याप्त नींद लें और तनाव के स्तर को प्रबंधित करें।

Exit mobile version