ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। दिल्ली देहात के हजारों परिवारों के लिए जमीन, मकान का मालिकाना हक की परेशानी दूर होगी। दिल्ली सरकार गांवों में आबादी देह भूमि सर्वे कराने जा रही है, इसके बाद ग्रामीणों को प्रॉपर्टी कार्ड दिए जाएंगे। ये कार्ड जमीन और मकान के मालिकाना हक के कानूनी सबूत होंगे और इससे वर्षों से चले आ रहे विवादों पर विराम लगने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी देह भूमि से जुड़े लंबे समय से लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए ये फैसला लिया है। इसके तहत आबादी देह क्षेत्रों का सर्वे, रिकॉर्ड तैयार करने, सत्यापन और कंप्यूटरीकरण की पूरी प्रक्रिया तय कानूनी और प्रशासनिक ढांचे के तहत होगी। यह कदम न सिर्फ भूमि प्रबंधन व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि ग्रामीणों को आर्थिक सुरक्षा भी देगा।
दिल्ली आबादी देह सर्वे का ड्राफ्ट तैयार: केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए दिल्ली सरकार ने दिल्ली आबादी देह सर्वे और रिकॉर्ड प्रबंधन नियम 2025 का ड्राफ्ट तैयार किया है। इसमें ड्रोन के जरिये सर्वे, मौके पर भौतिक सत्यापन, आपत्तियां दर्ज करने, विवाद निपटाने, डिजिटल रिकॉर्ड बनाने और प्रॉपर्टी कार्ड जारी करने की पूरी प्रक्रिया स्पष्ट की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का मकसद यह है कि किसी केअधिकारों का हनन न हो और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी व समयबद्ध तरीके से पूरी हो।
राजस्व विभाग के पास होगी जिम्मेदारी राजस्व विभाग की सर्वे टीम और तकनीकी एजेंसियां मिलकर आबादी देह, विस्तारित आबादी देह और अन्य अधिसूचित क्षेत्रों का सर्वे करेंगी।
ड्रोन और हवाई फोटोग्राफी से हर प्लॉट की सही लोकेशन, आकार और सीमा दर्ज की जाएगी। इसके बाद ड्रोन से तैयार नक्शों का जमीन पर जाकर सत्यापन किया जाएगा, ताकि वास्तविक स्थिति पूरी तरह साफ हो सके।
निजी प्लॉट, संयुक्त स्वामित्व बाली जमीन, सड़कें, गलियां, नाले, सामुदायिक स्थल, धार्मिक स्थल, कब्रिस्तान, श्मशान घाट और सरकारी संपत्तियों की अलग-अलग पहचान की जाएगी। जहां जरूरत होगी, वहां नगर निगम, डीडीए और पुलिस प्रशासन का सहयोग भी लिया जाएगा, ताकि सीमाओं से छेड़छाड़ न हो।
2022 में हुआ एमओयू आगे नहीं बढ़ा
मुख्यमंत्री ने बताया कि अप्रैल 2022 में राजस्व विभाग ने सर्वे ऑफ इंडिया के साथ एमओयू किया था। इसके तहत दिल्ली के 48 ग्रामीण गांवों में स्वामित्व योजना लागू की जा रही है। अब तक 31 गांवों में ड्रोन सर्वे पूरा हो चुका है, जबकि 25 गांवों के नक्शों का सत्यापन कर उन्हें आगे की प्रक्रिया के लिए सौंप दिया गया है।

