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नौकरी नहीं, 5 लाख की रकम चुन रहे किसान

Yogi government will give a big gift to the farmers
ब्लिट्ज ब्यूरो

ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए जमीन देने वाले अधिकतर किसानों ने नौकरी के बजाय 5 लाख रुपये लेने में रुचि दिखाई है। जमीन अधिग्रहण के पहले चरण के किसानों ने पैसा भी ले लिया। यही हाल दूसरे चरण के किसानों का भी है। नोएडा एयरपोर्ट के लिए 4 चरणों में अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। पहला चरण पूरा हो गया है और उस पर एयरपोर्ट तैयार है। दूसरे चरण में करीब 95 प्रतिशत जमीन दी जा चुकी है। नए अधिग्रहण कानून के तहत जमीन देने जाते किसान के परिवार के एक परिवार को परियोजना में नौकरी देने का प्रावधान है। अगर किसान नौकरी नहीं लेता है तो उसे 5 लाख रुपये मिलेंगे। विकल्प चुनने के लिए फॉर्म भरवाया जाता है।
5000 किसानों में से सिर्फ
335 की नौकरी वाली इच्छा
पहले चरण में 5 हजार किसानों ने जमीन दी। इन्होंने नौकरी की बजाय 5 लाख रुपये लिए। सिर्फ 335 ने नौकरी का विकल्प चुना है। अधिकतर किसानों को पैसा मिल भी गया। हालांकि, जिन किसानों ने दूसरा विकल्प चुना, उनके परिवार में अभी तक नौकरी नहीं मिली है।
दूसरे चरण में भी हालात पहले जैसे
दूसरे चरण के लिए 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया। 6 हजार से अधिक किसानों ने जमीन दी है।
बीरमपुर के 773 किसानों ने 57 हेक्टेयर से अधिक जमीन दी है। इनमें से केवल 8 ने नौकरी का विकल्प चुना। बाकी ने रुपये पर हामी भरी है।
नौकरी के लिए उठाते हैं आवाज
जिन किसानों ने नौकरी का विकल्प भरा, अभी उन्हें रोजगार नहीं मिला है। बीच बीच में किसान नौकरी की मांग को लेकर अपनी आवाज उठाते रहे हैं। उनका कहना है कि पहले स्थानीय युवाओं को नौकरी दी जाए। वहीं, किसानों का कहना है कि पैसा तुरंत मिल जाता है नौकरी का कोई भरोसा नहीं है।

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