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लार के इस्तेमाल से दागदार फाइलें मंजूर नहीं

Allahabad High Court
ब्लिट्ज ब्यूरो

नई दिल्ली। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने फाइलों और याचिकाओं के पन्ने पलटने में लार के इस्तेमाल पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। पीठ ने कहा कि अगर पान या पान मसाला खाने वाला व्यक्ति लार (थूक) का इस्तेमाल करता है तो पन्नों पर लाल धब्बे पड़ जाते हैं और संक्रमण का भी खतरा हो सकता है।
पीठ ने इसकी गंभीरता को देखते हुए अपनी रजिस्ट्री और उच्च न्यायालय के सरकारी कार्यालयों को निर्देश दिया कि अगर पेपर बुक का कोई पन्ना लार के इस्तेमाल के कारण लाल पाया जाता है, तो वे कोई भी फाइल स्वीकार न करें। न्यायमूर्ति श्रीप्रकाश सिंह की पीठ ने कृष्णावती और एक अन्य की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। जैसे ही अदालत ने फाइल अपने हाथ में ली, उसने देखा कि अदालत में पेश करने से पहले पेपर बुक के पन्नों को पलटने के लिए लाल रंग की लार का इस्तेमाल किया गया था। पीठ का कहना था कि ऐसा तब हुआ होगा जब पेपर बुक वकील, क्लर्क, शपथ आयुक्त या रजिस्ट्री के अधिकारियों द्वारा तैयार की जा रही थी। यह सरकारी वकील या मुख्य स्थायी परिषद के कार्यालय में भी हो सकता है।

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