ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के निर्माण में बड़ी सफलता मिली है। इस प्रोजेक्ट के लिए बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) से शिलफाटा के बीच बन रही सुरंग में पहला ब्रेकथ्रू मिला है। यह सुरंग 21 किलोमीटर लंबी है। इसके तहत 2.7 किलोमीटर लंबी निरंतर सुरंग का निर्माण पूरा किया गया। बताया जाता है कि पिछले सप्ताह महाराष्ट्र में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) और शिलफाटा के बीच बनाई जा रही 21 किलोमीटर लंबी सुरंग में पहला ब्रेकथ्रू हासिल किया गया। यह ब्रेकथ्रू 2.7 किलोमीटर लंबी निरंतर सुरंग खंड के सफल निर्माण का प्रतीक है।
इस प्रोजेक्ट के तहत कुल में से, पांच किलोमीटर का निर्माण शिलफाटा और घनसोली के बीच न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) का उपयोग करके किया जा रहा है। इसके साथ ही शेष 16 किलोमीटर का निर्माण टनल बोरिंग मशीनों (टीबीएम) का उपयोग करके किया जाएगा। सुरंग में ठाणे क्रीक के नीचे सात किलोमीटर लंबा समुद्र के नीचे का हिस्सा भी शामिल है। एनएटीएम भाग में सुरंग निर्माण में तेजी लाने के लिए, एक एडिशनल ड्रिवेन इंटरमीडिएट टनल (एडीआईटी) का निर्माण किया गया, जिससे घनसोली और शिलफाटा की ओर एक साथ खुदाई की जा सके।
1.62 किलोमीटर की खुदाई की जा चुकी
अब तक शिलफाटा की ओर से लगभग 1.62 किलोमीटर की खुदाई की जा चुकी है। इसके अलावा, एनएटीएम खंड में कुल प्रगति लगभग 4.3 किलोमीटर है। प्रोजेक्ट साइट पर व्यापक सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं, जिससे किसी तरह की कोई दिक्क त न हो। इन सुरक्षा उपायों में ग्राउंड सेटलमेंट मार्कर, पीजोमीटर, इनक्लिनोमीटर, स्ट्रेन गेज और बायोमेट्रिक एक्सेस कंट्रोल सिस्टम शामिल हैं। बताया जाता है कि इससे आसपास की संरचनाओं को नुकसान पहुंचाए बिना सुरक्षित और नियंत्रित सुरंग निर्माण गतिविधियां सुनिश्चित की जा रही हैं।
21 किलोमीटर में से 2.7 किलोमीटर
का निर्माण कार्य पूरा
एनएचएसआरसीएल के प्रबंध निदेशक विवेक कुमार गुप्ता ने बताया कि 21 किलोमीटर में से 2.7 किलोमीटर का निर्माण कार्य हम पूरा कर चुके हैं। इसके बाद टनल लाइनिंग का काम शुरू होगा, फिर आरसी ट्रैक बेड बिछेगा और ट्रैक इंस्टॉलेशन का कार्य तुरंत प्रारंभ किया जाएगा। हमारी कोशिश रहेगी कि मानसून के तुरंत बाद, महाराष्ट्र सेक्शन में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का कार्य और तेज गति से आगे बढ़े और तय समयसीमा के अनुसार पूरा हो।































