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मुंबई को झोपड़पट्टी-मुक्त बनाने का महाप्लान

Grand plan to make Mumbai slum-free
ब्लिट्ज ब्यूरो

नागपुर। महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में मुंबईकरों को घर मुहैया कराने, स्लम का विकास करने जैसे कई सारे महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधान परिषद में मुंबई को झोपड़पट्टी-मुक्त बनाने के उद्देश्य से 17 स्थानों पर एसआरए (स्लम पुनर्वास प्राधिकरण) क्लस्टर पुनर्विकास परियोजना लागू करने का एलान किया है।
एसआरए की अभय योजना को दिसंबर 2026 तक विस्तार देने तथा एसआरए डेवलपमेंट से संबंधित शिकायतों का निपटारा करने के लिए ‘एपेक्स ग्रीवेंस रिड्रेसल कमिटी’ (एजीआरसी) की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है। इसके अलावा म्हाडा की ओसी अभय योजना को एक वर्ष का विस्तार तथा बीएमसी की लीज प्लॉट पर बने बीएमसी कर्मचारियों के घर देने के लिए नई योजना लाने की घोषणा की है।
कौन से 17 क्षेत्र में क्लस्टर लागू करेंगे
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने बताया कि अब 50 एकड़ या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले निजी, शासकीय और अर्ध-शासकीय भूखंडों पर एकीकृत रूप से झोपड़पट्टी पुनर्विकास किया जाएगा। योजना के पहले चरण में मुंबई के अंटापहिल, बोरीवली के कृष्णा नगर और केतकीपाडा, दहिसर के गोपीकृष्ण नगर, ओशिवरा, गोवंडी, ट्रॉम्बे के चिट्टा कैंप, चेंबूर, विक्रोली के टैगोर नगर और पार्कसाइट और भांडुप सहित कुल 17 प्रमुख स्थानों का चयन किया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे-छोटे एसआरए प्रकल्पों की बजाय अब पूरे क्षेत्र का कायाकल्प करने के लिए क्लस्टर रिडेवलपमेंट योजना लागू की जाएगी। इस महत्वाकांक्षी नीति को राज्य मंत्रिमंडल ने 7 अक्टूबर 2025 को मंजूरी दी थी और इससे संबंधित शासन निर्णय 13 नवंबर 2025 को जारी किया गया। परियोजनाओं में देरी न हो और वे तेजी से पूरी हों, इसके लिए राज्य सरकार पहल कर रही है। एमएमआरडीए, सिडको, एमआईडीसी, एमएसआरडीसी, म्हाडा और बीएमसी जैसी सरकारी संस्थाओं के सहयोग से ‘जॉइंट वेंचर’ मॉडल के तहत ये परियोजनाएं लागू की जाएंगी।
एसआरए अभय योजना को
31 दिसंबर 2026 तक विस्तार
एसआरए अभयान योजना को 31 दिसंबर 2026 तक विस्तार देने के बारे में उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि झोपड़ियों की खरीद-फरोख्त अथवा हस्तांतरण से जुड़ी तकनीकी अड़चनों में फंसे नागरिकों के लिए इसके 2026 तक बढ़ाया गया है। सदन को उन्होंने बताया कि कई झोपड़ीधारकों ने अपनी झोपड़ियों की खरीद-बिक्री या हस्तांतरण किया था, लेकिन मौजूदा नियमों के तहत नए झोपड़ीधारकों के नाम ‘अंतिम परिशिष्ट-2’ (पात्र झोपड़ीधारकों की सूची) में शामिल करने का कोई प्रावधान नहीं था। इससे हजारों गरीब परिवारों के अपने अधिकार के घर से वंचित रहने का खतरा उत्पन्न हो गया था। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने 1 अक्टूबर 2024 को ‘अभय योजना’ लागू की थी। प्रारंभ में यह योजना तीन महीनों के लिए थी, जिसे बाद में मार्च 2025 तक बढ़ाया गया और अब इसे दिसंबर 2026 तक विस्तार दिया गया है। उपमुख्यमंत्री शिंदे ने म्हाडा की ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) से संबंधित अभय योजना को भी एक वर्ष का विस्तार देने की घोषणा की।
एजीआरसी की संख्या बढ़ेगी
उपमुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि झोपड़पट्टी पुनर्विकास से संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए गठित ‘एपेक्स ग्रीवेंस रिड्रेसल कमिटी’ (एजीआरसी) की संख्या बढ़ाने का महत्वपूर्ण निर्णय भी लिया है। वर्तमान में 2,103 मामले लंबित हैं और उनके शीघ्र निपटारे के लिए एजीआरसी की संख्या बढ़ाने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है।
इसके अलावा उपमुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि बीएमसी लीज प्लॉट पर महापालिका कर्मचारियों द्वारा बनाए गए आवासों के लिए नई योजना लाने के निर्देश महानगरपालिका को दिए गए हैं।

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