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घर गिराना पड़ा भारी, पूर्व डीएम, एडीएम समेत 27 पर एफआईआर

Supreme Court
ब्लिट्ज ब्यूरो

महराजगंज। महराजगंज के पूर्व जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक समेत पुलिस प्रशासन, लोक निर्माण विभाग, नगर पंचायत के 26 अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। ये कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुई। यह कार्रवाई सड़क चौड़ीकरण के लिए मकान गिराने के मामले में हुई है। सदर कोतवाल ने मुकदमा दर्ज होने की पुष्टि की है।

– सड़क चौड़ी करने के लिए ढहा दिया था आशियाना

पीलीभीत से महराजगंज होते हुए कुशीनगर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-730 के निर्माण के दौरान वर्ष 2019 में महराजगंज कस्बे के रहने वाले मनोज टिबड़ेवाल का मकान प्रशासन ने गिरवाया था। विभागीय रिपोर्ट में इस निर्माण को अतिक्रमण माना गया था। पीड़ित ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए इसे मनमाना बताकर सुप्रीम कोर्ट तक में शिकायत की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले का लिया था संज्ञान
छह नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए महराजगंज के तत्कालीन प्रशासनिक, पुलिस और अन्य विभागों के कुल 26 लोगों के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश दिया। कोर्ट ने पीड़ित को 25 लाख रुपये अंतरिम मुआवजा देने के साथ ही दोषी कर्मियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। 25 दिन बीतने के बाद भी मुकदमा दर्ज न होने पर पीड़ित ने अवमानना वाद दायर करने की चेतावनी दी। इसके बाद आनन-फानन में सभी आरोपितों के विरुद्ध बलवा, पीड़ित का उपचार न कराने, लोक सेवक द्वारा अशुद्ध दस्तावेज रचने, मारपीट, गाली देने, जान से मारने की धमकी, तोड़फोड़, घर में घुस कर मारपीट , बेईमानी पूर्वक छल करने, छल के प्रयोजन से कूट रचित दस्तावेज तैयार करने, फर्जी दस्तावेज को असली के रूप में उपयोग करने, आपराधिक षड्यंत्र रचने आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। इन धाराओं में छह माह की कैद से लेकर आजीवन कारावास और अर्थदंड तक का प्रावधान है।

इन पर दर्ज हुआ मुकदमा
2019 में तत्कालीन जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय, एडीएम कुंज बिहारी अग्रवाल, अपर पुलिस अधीक्षक आशुतोष शुक्ला, तत्कालीन अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद राजेश जायसवाल, राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्य अधीक्षक मणिकांत अग्रवाल, एनएच के अधीक्षण अभियंता अशोक कन्नौजिया, एनएच के आरओ दिग्विजय मिश्र, स्थानिक अभियंता देवानंद यादव, अधिकृत अभियंता राकेश कुमार, लीडर अथारिटी टीम लीडर एसके वर्मा, कार्यदायी संस्था महाकालेश्वर इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के अनुज सिंह, सुनील द्विवेदी, प्रोजेक्ट मैनेजर एचएन पाल, संतोष, स्थानीय अभिसूचना इकाई के निरीक्षक राजन श्रीवास्तव, संतोष सिंह, सदर कोतवाल सर्वेश कुमार सिंह, निरीक्षक निर्भय कुमार, उप निरीक्षक एसके सिंह रघुवंशी, तत्कालीन चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक नीरज राय, उप निरीक्षक अविनाश त्रिपाठी, उप निरीक्षक जयशंकर मिश्र, उपनिरीक्षक रणविजय, उप निरीक्षक कंचन राय, उपनिरीक्षक मनीषा सिंह व एक अज्ञात पर मुकदमा दर किया है।

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