ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। भारत अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत करने के लिए एक नई तकनीक पर काम कर रहा है। देश अब 900 किमी से अधिक रेंज वाले सुसाइड ड्रोन विकसित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह ड्रोन न केवल दुश्मन के ठिकानों पर हमला कर सकता है, बल्कि इसमें विस्फोटक लोड करके उसे एक हथियार के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
इस परियोजना में नागपुर की सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड सबसे आगे है, जो पिनाका रॉकेट सिस्टम बनाने वाली कंपनी के रूप में जानी जाती है।
सुसाइड ड्रोन क्या है?
सुसाइड ड्रोन एक तरह का मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) है, जो अपने लक्ष्य पर हमला करने के बाद खुद नष्ट हो जाता है। इसे लॉयटरिंग म्यूनिशन भी कहा जाता है, क्योंकि यह हवा में लंबे समय तक मंडराकर सही समय पर हमला करता है।
इसमें विस्फोटक भरा होता है। यह ड्रोन दुश्मन के ठिकानों, टैंकों या रक्षा प्रणालियों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। भारत का यह नया ड्रोन 900 किमी से ज्यादा दूरी तक मार कर सकता है, जो इसे क्षेत्रीय शक्ति के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा।
सोलर इंडस्ट्रीज की बढ़त
इस ड्रोन परियोजना के लिए काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च-नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज ने कई कंपनियों से तकनीकी और वाणिज्यिक बोली मांगी थी। एक ऑफिशियल मेमोरेंडम में इस कंपनी ने कंबाइंड टेक्निकल कम कमर्शियल बेस्ड सिस्टम स्कोर के आधार पर सोलर इंडस्ट्रीज को सबसे आगे घोषित किया। सोलर इंडस्ट्रीज ने 80.30 का स्कोर हासिल किया, जो अन्य कंपनियों से काफी बेहतर था। अन्य कंपनियां और उनके स्कोर-
भारत डायनामिक्स लिमिटेड, हैदराबाद: 78.62
राफेल एमएफएचबी प्राइवेट लिमिटेड, नोएडा: 76.78
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, बेंगलुरु: 73.43
न्यू स्पेस रिसर्च एंड टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, बेंगलुरु: 66.85
हालांकि, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड वाणिज्यिक बोली में योग्य नहीं पाई गईं।































