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एआई से लैस इंसाननुमा रोबोट के क्षेत्र में तरक्की कर रहा भारत

India is making progress in the field of human-like robots equipped with AI
ब्लिट्ज ब्यूरो

नई दिल्ली। देश में कई कंपनियों ने मानव रोबोट बनाने में उत्सुकता दिखाई है ताकि स्वास्थ्य, मनोरंजन, अंतरिक्ष जैसे सभी क्षेत्रों के बारे में जानकारियां मिल सके। विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसे रोबोट समय के साथ और बेहतर होते जाएंगे। देश में मानव, शालू, इरा, राडा, मित्रा, रोबोकॉप और रश्मि जैसे मानव रोबोट पहले से मौजूद हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में इसके विस्तार से रोबोटिक्स उद्योग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

प्रमुख चुनौतियां
बेंगलुरु स्थित मित्रा रोबोट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ बालाजी विश्वनाथन ने बताया कि रोबोट के क्षेत्र में प्रमुख चुनौतियां सुरक्षा और बड़ी आबादी को संचालित करने की हैं। अहमदाबाद में कंपनी ने स्कंद, मित्र और मित्रा नाम से एआई संचालित ह्यूमनॉइड रोबोट का निर्माण किया है, जो लोगों की मदद करते हैं। विश्वनाथन ने बताया कि अमेरिका और सिंगापुर में 50 रोबोट पर काम चल रहा है। बता दें, अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने भी व्योममित्र रोबोट का निर्माण किया है, जो इस साल अंतरिक्ष में जाएगा।

अधिक ऊर्जा की जरूरत
रोबोट को इंसानी गतिविधियों के लिए अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है। अभी प्रौद्योगिकियों को लिथियम-आयन बैटरी को वितरित करने में परेशानी आ रही है। साथ ही निर्माण लागत भी कंपनियों के लिए चुनौती प्रस्तुत कर रही है।

अगले आठ साल में बढ़ेगा बाजार
मार्केट कंपनी ब्रेनी इनसाइड्स के अनुसार, 2023 में एआई ह्यूमन रोबोट का बाजार 1.38 अरब डॉलर था और इसके अगले आठ साल में 138 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। रोबोट का इस्तेमाल हर क्षेत्र, जैसे स्वास्थ्य सेवा उद्योग में देखभाल करने, उत्पाद में सुधार करने, अंतरिक्ष में जाने, पानी के अंदर जांच करने जैसे कार्यों में हो रहा है।

– 2032 तक रोबो बाजार 138.9 अरब डालर होने के आसार
– मित्रा, शालू, अनुष्का जैसे रोबोट का हो चुका निर्माण

भारत में तैयार प्रमुख ह्यूमनॉइड रोबोट
मानव : यह भारत का पहला थ्री डी ह्यूमनॉयड रोबोट है, जो 60 सेंटीमीटर लंबा है। यह कूदने, गाने पर थिरकने और फुटबॉल खेलने में सक्षम है।
अनुष्का : यूपी के केआईटी छात्रों ने महिला रोबोट बनाया है। यह 60 भाषाओं को समझती है और 50 से अधिक इशारों पर जवाब देती है। कुल लागत 2.5 लाख है।
शालू : इस रोबोट को आईआईटी बॉम्बे के शिक्षक ने बनाया है। यह 47 भाषाएं बोलने में सक्षम है। यह छात्रों को पढ़ाने का काम भी करती है।
मित्रा : इन्वेंटो रोबोटिक्स का बना रोबोट ग्राहकों से बात करता है। अस्पताल और कार्यस्थल पर काम देखता है। बैंक, होटल, मॉल में इस्तेमाल हो सकता है।

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