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हरिद्वार में भारतीय सेना का ‘रैम प्रहार’ युद्धाभ्यास

Indian Army's exercise 'Ram Prahar' in Haridwar
ब्लिट्ज ब्यूरो

हरिद्वार। हरिद्वार की शांत घाटियों ने एक ऐतिहासिक सैन्य प्रदर्शन का साक्षी बनते हुए भारतीय सेना की उन्नत तकनीक, रणनीति और भविष्य के युद्धक्षेत्र के लिए तैयारियों का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। पश्चिमी कमांड के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने खड़ग कोर की रैम डिवीजन द्वारा आयोजित सैन्य युद्धाभ्यास “रैम प्रहार” का निरीक्षण किया और इसे भारतीय सेना की तकनीकी क्षमता और आक्रामक तैयारी का अत्याधुनिक प्रदर्शन बताया।
अभ्यास के दौरान सेना के आधुनिक युद्ध उपकरणों, एआई-आधारित नेटवर्क सिस्टम, आईआरएस क्षमताओं, टैंकों, बीएमपी वाहनों, अटैक हेलीकॉप्टरों और एयरक्राफ्ट की संयुक्त शक्ति का ऐसा समन्वय देखने को मिला, जो भविष्य के डिजिटल युद्ध की दिशा तय करने वाला साबित हुआ। इस अभ्यास ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारतीय सेना आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल में सिर्फ सक्षम ही नहीं, बल्कि किसी भी संभावित चुनौती के लिए पूर्ण रूप से तैयार है।
निरीक्षण के बाद मीडिया से बात करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल कटियार ने बताया कि रैम डिवीजन की कठोर ट्रेनिंग पिछले एक महीने से लगातार चल रही है। यह डिवीजन पश्चिमी कमांड की सबसे ताकतवर और महत्वपूर्ण इकाइयों में से एक है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य आवश्यकता पड़ने पर पाकिस्तान के क्षेत्र में घुसकर उनकी चौकियों को ध्वस्त करना और सामरिक बढ़त हासिल करना है। उन्होंने कहा कि आज का युद्ध अत्यंत जटिल और तकनीक-प्रधान हो चुका है, ऐसे में सैनिकों की ट्रेनिंग ही सबसे महत्वपूर्ण है। तकनीक तब ही कारगर बनती है जब उसे चलाने वाला सैनिक पूरी तरह प्रशिक्षित हो।
लेफ्टिनेंट जनरल कटियार ने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाया था, लेकिन पाकिस्तान की उकसाने वाली हरकतें अभी भी जारी हैं। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस बार दुश्मन कोई दुस्साहस करता है, तो जवाब पहले से कहीं अधिक कड़ा, तेज और निर्णायक होगा। यह युद्धाभ्यास उसी संदेश का हिस्सा है कि भारतीय सेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है।
अभ्यास के दौरान सेना ने न केवल अपनी युद्ध क्षमता दिखाई, बल्कि जनता के प्रति अपनी संवेदना, फुर्ती, मानवीय जुड़ाव और सामरिक जिम्मेदारियों को भी मजबूत रूप में दर्शाया। ‘रैम प्रहार’ ने यह साबित कर दिया कि भारतीय सेना भविष्य के युद्ध के लिए नवाचार, तकनीक, समन्वय और मनोबल के हर स्तर पर खुद को विकसित कर रही है।
हरिद्वार में आयोजित यह युद्धाभ्यास देश को एक स्पष्ट संदेश देता है, भारत शांति चाहता है, लेकिन सीमाओं की सुरक्षा और संप्रभुता पर कोई भी खतरा आया तो भारतीय सेना निर्णायक और कठोर जवाब देने में बिल्कुल देर नहीं करेगी। ‘रैम प्रहार’ केवल एक सैन्य अभ्यास नहीं, बल्कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और भविष्य की रक्षा रणनीति का सशक्त और व्यापक प्रदर्शन है।

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