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एशिया में नाटो जैसा संगठन बनाएंगे जापान के भावी पीएम

Japan's future PM will create a NATO-like organization in Asia
ब्लिट्ज ब्यूरो

टोक्यो। जापान को शीघ्र ही नया प्रधानमंत्री मिलने वाला है। सत्ताधारी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी 27 सितम्बर को अपने नेता का चुनाव करेगी। इसके साथ ही यह तय हो जाएगा कि जापान की कमान संभाल रहे प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की जगह कौन लेगा। जापान के पीएम पद के शीर्ष दावेदारों में पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरू इशिबा सबसे आगे हैं। एक सर्वेक्षण में इशिबा को जापान में कॉरपोरेट की पहली पंसद पाया गया। उन्होंने जापान की पहली महिला पीएम बनने की उम्मीद कर रहीं साने ताकाइची को पीछे छोड़ दिया है। इशिबा की उम्मीदवारी को पश्चिम में भी उम्मीद के साथ देखा जा रहा है। वे उत्तरी अमेरिकी और यूरोपीय देशों के नाटो संगठन तरह ही एशिया में भी सैन्य गठबंधन के समर्थक रहे हैं। जापान के संभावित पीएम ने एशियाई नाटो का प्लान भी बनाया है।

क्या है इशिबा का प्रस्ताव?
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामक गतिविधियों और चीन-रूस की सैन्य साझेदारी ने क्षेत्र में चुनौती पैदा कर दी है। इशिबा ने इससे निपटने के लिए एशिया में नाटो जैसा संगठन बनाने पर जोर दिया है। इशिबा कह चुके हैं कि वह नाटो का एशियाई संस्करण बनाना चाहते हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में 57 वर्षीय इशिबा ने बताया कि जापान को क्षेत्रीय सैन्य चुनौतियों का सामना करने लिए किस तरह तैयार होना चाहिए? जापान का प्रधानमंत्री बनने के लिए अपने अभियान में उन्होंने प्रस्तावित सैन्य गठबंधन को प्रमुख मुद्दा बनाया है।

जोर लगा रहे इशिबा
इसी साल जुलाई में किशिदा ने अमेरिका में नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। इसके साथ ही अमेरिका समर्थित सैन्य गठबंधन ने टोक्यो में संपर्क कार्यालय खोलने की कोशिश की है। नाटो का एशियाई संस्करण किस तरह का है, इसके बारे में इशिबा ने अभी तक पूरी तरह साफ नहीं किया है। उन्होंने जापान के संविधान में भी बदलाव की वकालत की है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में में कहा, ‘हमें आत्मरक्षा के अपने बिना शर्त अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए संविधान में बदलाव करने की आवश्यकता है। इसके बिना हम एशियाई-प्रशांत नाटो में शामिल नहीं हो सकते।’

किस तरह का होगा एशियाई नाटो?
उन्होंने जापान के लिए सैन्य मामलों पर अपनी खुद की दिशा निर्धारित करने पर जोर दिया है। इशिबा ने कहा, अमेरिका-जापान गठबंधन कैसे काम करता है, इस पर अधिक विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने अमेरिका और दक्षिण कोरिया की तरह संयुक्त कमान का जिक्र किया और उसकी जरूरत बताई। ऐसा लगता है कि इशिबा सैन्य गठबंधन के लिए फिलीपींस, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों पर विचार कर रहे हैं। इसमें अमेरिका की भी भूमिका हो सकती है। इशिबा के बयान में इसकी झलक मिलती है। उन्होंने कहा, अमेरिका-जापान गठबंधन महत्वपूर्ण है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अमेरिका की सभी मांगों को पूरा करने की कोशिश की जाए या अमेरिका को खुश करने के लिए कुछ भी किया जाए।

जापान पहले से ही हिंद-प्रशांत सुरक्षा वार्ता समूह क्वाड का हिस्सा है। इसमें जापान के साथ ऑस्ट्रेलिया, भारत और अमेरिका हैं। क्वॉड हालांकि खुद को सैन्य समूह नहीं कहता है लेकिन यह अक्सर सैन्य अभ्यास करता है। क्वॉड को चीन उसी तरह खतरा मानता है, जिस तरह नाटो को रूस खतरा बताता है।

– हमें आत्मरक्षा के अपने अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए संविधान में बदलाव करने की आवश्यकता है।
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