ब्लिट्ज ब्यूरो
दतिया। मध्य प्रदेश के दतिया जिले में एक किसान ने अनुकरणीय उदारता दिखाई है। गांव में 30 साल पहले बना अस्पताल अब लोगों के लिए छोटा पड़ रहा था। मरीजों की संख्या के हिसाब से अस्पताल में जगह नहीं थी। दतिया कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े वहां पहुंचे और अस्पताल का निरीक्षण किया। गांव के लोगों ने विस्तार से बात कही तो कलेक्टर ने कहा कि यहां जमीन ही नहीं है।
कलेक्टर ने जमीन देने की अपील की
अस्पताल के पास ही खड़े होकर कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े वहां लोगों से बात करने लगे। बातचीत के दौरान उन्होंने किसानों से कहा कि यहां निर्माण के लिए जमीन ही नहीं है। अगर जमीन नहीं है तो विस्तार कैसे होगा। ग्रामीणों ने कलेक्टर की अपील को सुना। इस बीच उन्हीं में से एक किसान ने उदारता दिखाई।
किसान ने तुरंत कलेक्टर से कहा कि अस्पताल निर्माण के लिए मैं दो-तीन बीघा जमीन दान दूंगा। इससे ज्यादा भी जरूरत पड़ी तो मैं देने के लिए तैयार हूं। किसान ने कहा कि सड़क किनारे भी हमारी जमीन है, वहां भी दे दूंगा। इसके साथ किसान ने कलेक्टर से कहा कि हमारे परिवार ने पहले भी जमीन दान में दी है। अस्पताल और स्कूल गांव में उसी जमीन पर बने हुए हैं।
कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े ने अधिकारी से कहा कि दान पत्र बन जाए तो स्थानीय स्तर पर एक कार्यक्रम आयोजित कर इन्हें सम्मानित करें। कलेक्टर ने यह भी कहा कि मैं भी इस कार्यक्रम में आऊंगा।
गौरतलब है कि जमीन दान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद गांव में अस्पताल निर्माण की प्रक्रिया शुरु होगी। इससे गांव और आसपास की महिलाओं को डिलीवरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। कलेक्टर ने किसान से बात करते हुए वीडियो शेयर किया है।

