ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। पाकिस्तान का एक और झूठ बेनकाब हो गया है, जिसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के राफेल जेट को गिराने के साथ एक पायलट को पकड़ने का दावा किया था। सोशल मीडिया में ऐसी झूठी खबरें भी फैलाई गईं थीं कि पायलट शिवांगी सिंह को पकड़ा गया है। राफेल फाइटर पायलट शिवांगी सिंह अंबाला एयरबेस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ दिखीं। राष्ट्रपति मुर्मू ने राफेल फाइटर जेट के जरिये सफलतापूर्वक उड़ान भर कर इतिहास रच दिया। स्क्वॉड्रन लीडर शिवांगी सिंह पहली महिला राफेल पायलट हैं। सरकार द्वारा जारी एक तस्वीर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और शिवांगी सिंह के चेहरे पर मुस्कान दिख रही है।
शिवांगी सिंह को 2015 में फाइटर पायलट रैंक में शामिल किया गया था। वो करीब दो दशकों से वायुसेना में शानदार तरीके से काम कर रही हैं। शिवांगी सिंह के पति भी फाइटर पायलट हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने करीब 30 मिनट तक उड़ान भरी और इस दौरान राफेल ने करीब 200 किलोमीटर का दायरा कवर किया। एयरक्रॉफ्ट को ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी ने उड़ाया था, जो 17वीं स्क्वॉड्रन के कमांडिंग ऑफिसर हैं। फाइटर जेट ने समुद्र तल से 15 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरी। इस दौरान उसकी स्पीड 700 किलोमीटर प्रति घंटा तक रही।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन से राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी। एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने भी उनकी सुरक्षा में यहीं से एक अलग विमान में उड़ान भरी। राफेल विमान में चढ़ने से पहले राष्ट्रपति ने जी-सूट पहना था। राष्ट्रपति ने 11.27 बजे विमान के उड़ान भरने से पहले प्लेन के अंदर से हाथ हिलाकर अभिवादन किया।
राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर
सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर मुर्मू ने 8 अप्रैल 2023 को असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन में सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में भी उड़ान भरी थी और वह ऐसा करने वाली तीसरी राष्ट्रपति बनी हैं। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने 8 जून 2006 और 25 नवंबर 2009 को पुणे के पास लोहेगांव वायुसेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी। फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने राफेल लड़ाकू विमान को सितंबर 2020 में भारतीय वायुसेना के लिए भेजा था। पहले पांच राफेल विमानों को 17वें स्क्वाड्रन गोल्डन एरोज में शामिल किया गया था। ये लड़ाकू विमान 27 जुलाई 2020 को फ्रांस से यहां पहुंचे थे।



































