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सैन्य अधिकारी, जज व अन्य सरकारी कर्मियों के लिए आसान हुई पीएचडी

Lack of transparency
सुमित माथुर

नई दिल्ली। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में पार्ट टाइम पीएचडी में सैन्य अधिकारी और जज सहित सरकारी क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले अधिकारियों के लिए अब शोध की राह आसान हो जाएगी। ऐसे लोग जो सरकारी क्षेत्र में विशेष कार्य कर रहे हैं और चाहते हैं कि अपने अनुभव को शोध में पिरोया जाए तो वे पार्ट टाइम पीएचडी में पंजीकृत हो सकेंगे।

सामान्य स्थिति में शोधार्थियों को जहां न्यूनतम तीन और अधिकतम छह साल पीएचडी करने के लिए मिलेंगे, वहीं, पार्ट टाइम पीएचडी में यह अवधि चार एवं आठ वर्ष होगी। इस श्रेणी में प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों को प्रवेश के लिए नेट उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। सैन्य अधिकारियों को उक्त नियमों का सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा।

प्राइवेट जॉब में कोई फायदा नहीं
पार्ट टाइम में पीएचडी की सुविधा केवल सरकारी क्षेत्र में कार्यरत अभ्यर्थियों के लिए होगी।
यदि किसी छात्र की शोध में पंजीकरण के बाद सरकारी नौकरी लग जाती है तो वह खुद को पार्ट टाइम पीएचडी को चुन सकेगा। हालांकि पार्ट टाइम श्रेणी में पीएचडी के लिए अभ्यर्थियों को अपने संस्थान के उच्च अधिकारी से एनओसी पानी होगी। सामान्य स्थिति में प्राइवेट जॉब में शामिल अभ्यर्थियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा।

ये कर सकेंगे पार्ट टाइम पीएचडी
ऐसे अभ्यर्थी शैक्षिक संस्था, केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सैन्य बल, पीएसयू और बीएससी-एनएसई में पंजीकृत कॉरपोरेट हाउस के ऐसे अभ्यर्थी जिन्हें वरिष्ठ स्तर पर काम करने का न्यूनतम पांच साल का अनुभव हो, वे पार्ट टाइम पीएचडी के लिए अर्ह होंगे। इस श्रेणी में कोई भी अभ्यर्थी फैलोशिप या स्कॉलरशिप के लिए अर्ह नहीं हों केवल तय सूची से ही कोर्स चुनें छात्र।

स्वयं प्लेटफॉर्म से छात्र विश्वविद्यालय से निर्धारित वैल्यू एडेड कोर्स को ही चुन सकेंगे। विश्वविद्यालय ने 40 से अधिक विषयों की सूची जारी कर दी है। इसमें द साइंस ऑफ हैप्पीनेस एंड वेलबीइंग, एडवरटिजमेंट एंड मीडिया, इंट्रोडक्शन टू पोल्ट्री फॉर्मिंग और फंडामेंटल्स ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी सहित विभिन्न कोर्स शामिल हैं।

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