Site icon World's first weekly chronicle of development news

राजस्थान सरकार ने बनाया धर्मांतरण रोकथाम का कानून

Rajasthan government enacted a law to prevent religious conversions.
ब्लिट्ज ब्यूरो

कोटा। कोटा में पिछले दिनों बजरंग दल ने प्रदर्शन करते हुए बोरखेड़ा थाना क्षेत्र में संचालित चर्च और वहां काम करने वाले ईसाई मिशनरियों के खिलाफ धर्मांतरण करवाने का आरोप लगाते हुए बोरखेड़ा थाना पुलिस को शिकायत दी गई थी। इस पर पुलिस ने ईसाई मिशनरी के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने मामला दर्ज किया है। भजनलाल सरकार को ‘शैतान का राज’ बताने का भी आरोप लगा था। राजस्थान सरकार के बनाए धर्मांतरण के नए कानून के तहत हाड़ौती संभाग का यह पहला मुकदमा है। पुलिस का कहना है कि पहले इस मामले में परिवाद मिला था। जिसमें दिए गए तथ्यों में धर्मांतरण के प्रयास के भी सामने आए हैं। इसीलिए मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की जा रही है।
थाने के प्रभारी देवेश भारद्वाज ने बताया कि क्रिश्चियन समुदाय के पास्टर दिल्ली निवासी चंडी वर्गीश और कोटा निवासी अरुण जॉन के खिलाफ केस दर्ज किया है। दोनों के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के पदाधिकारी योगेश रेनवाल, मुकेश शर्मा व हरिओम शर्मा ने धर्मांतरण कराने की शिकायत दी थी। इस पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने (बीएनएस 299), राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2025 की धारा 3 व 5 के तहत मुकदमा है। राजस्थान में धर्मांतरण रोकने के लिए बने कानून के तहत कोटा संभाग में दर्ज यह पहला केस है।
बीरशेबा चर्च से जुड़ा केस
बोरखेडा थाने के सीआई भारद्वाज ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ उन्हें परिवाद मिला था कि 4 से 6 नवंबर के बीच बोरखेडा नहर पर स्थित बीरशेबा चर्च में आत्मिक सत्संग के नाम से लोगों को बुलाकर धर्मांतरण किया गया है। संबंध में कुछ वीडियो और अन्य तथ्य भी पेश किए गए थे।

Exit mobile version