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राम भेद से नहीं, भाव से जुड़ते हैं

Ram connects not with differences but with feelings.
ब्लिट्ज ब्यूरो

अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज लहराया। ध्वज पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर स्थापत्य शैली में निर्मित शिखर पर फहराया गया। मंदिर के चारों ओर दक्षिण भारतीय स्थापत्य शैली में निर्मित 800 मीटर का परकोटा, मंदिर की स्थापत्य विविधता को प्रदर्शित करता है। प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने पवित्र श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर औपचारिक रूप से भगवा ध्वज फहराया, जो मंदिर निर्माण के पूर्ण होने का प्रतीक है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ मौजूद रहे। 10 फीट ऊंचा और 20 फीट लंबा समकोण त्रिभुजाकार ध्वज, भगवान श्रीराम के तेज और पराक्रम का प्रतीक, एक तेजस्वी सूर्य की छवि के साथ, कोविदारा वृक्ष की छवि के साथ अंकित है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये धर्मध्वज प्रेरणा बनेगा कि प्राण जाए, पर वचन न जाए अर्थात जो कहा जाए, वही किया जाए। ये धर्मध्वज संदेश देगा – कर्मप्रधान विश्व रचि राखा अर्थात विश्व में कर्म और कर्तव्य की प्रधानता हो। ये धर्मध्वज कामना करेगा – बैर न विग्रह आस न त्रासा, सुखमय ताहि सदा सब आसा यानी भेदभाव, पीड़ा, परेशानी से मुक्ति और समाज में शांति एवं सुख हो।
पवित्र भगवा ध्वज गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देता है। पीएम मोदी और सरसंघचालक मोहन भागवत ने रामलला गर्भ गृह में पूजा-अर्चना की। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहे। ध्वज भगवा रंग का है। इस पर ‘सूर्य’, ‘ओम’ और कोविदार वृक्ष के चिह्न बने हैं। यह रंग आग और उगते सूर्य को दिखाता है, जो त्याग और समर्पण का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराने के लिए मंगलवार सुबह अयोध्या पहुंच गए थे। मोदी ने फेसबुक पर पोस्ट किया, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में ध्वजारोहण उत्सव में हिस्सा लेने के लिए अयोध्या पहुंचा! प्रधानमंत्री अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे और फिर वहां से उनके वाहनों का काफिला रोडशो के रूप में रामपथ की तरफ बढ़ा। फेसबुक में आगे लिखा -ये ध्वज…संकल्प है, सफलता है! ये ध्वज…संघर्ष से सृजन की गाथा है, सदियों से चले आ रहे स्वप्नों का साकार स्वरूप है। ये ध्वज…संतों की साधना और समाज की सहभागिता की सार्थक परिणीति है। ये धर्मध्वजा केवल एक ध्वजा नहीं, ये भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है। इसका भगवा रंग, इसपर रचित सूर्यवंश की ख्याति, वर्णित ॐ शब्द और अंकित कोविदार वृक्ष रामराज्य की कीर्ति को प्रतिरूपित करता है। पूरे मार्ग पर विशेष सजावट की गई थी। मंदिर परिसर जाते समय प्रधानमंत्री का स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में महिलाओं और युवाओं समेत लोग रास्ते में दोनों ओर खड़े थे और उन पर फूल बरसा रहे थे। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच, जब प्रधानमंत्री का काफ़िला धीमी गति से उनके पास से गुजरा, तो सड़क किनारे कई लोग हाथ में राष्ट्रीय झंडा तो कुछ लोग कमल के निशान वाला भाजपा का झंडा लेकर खड़े थे।
रास्ते में लगे लाउडस्पीकर पर ‘राम धुन’ बजाई जा रही थी। रोड शो के बाद प्रधानमंत्री मोदी नए बने सप्तमंदिर पहुंचे, जहां महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज और माता शबरी के मंदिर हैं। इससे पहले हवाई अड्डे पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया।

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