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तेजस की डिलिवरी पहले, फिर 24-24 के बैच में मिलेंगे फाइटर

Defence Ministry to give new name to Tejas Mark-II
ब्लिट्ज ब्यूरो

नई दिल्ली। भारत के स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस की डिलिवरी की पूरी टाइमलाइन सामने आ गई है। शुरू में इंजन की सप्लाई चेन स्थापित होने में समय लगने की वजह से डिलिवरी थोड़ी धीमी रहेगी, लेकिन उसके बाद 24-24 विमानों की खेप तैयार होने लगेगी।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल ) पहले 8 तेजस एमके1ए फाइटर जेट की डिलिवरी करेगा। जनरल इलेक्टि्रक (जीई) के साथ इंजनों की सप्लाई के लिए समझौता होने के बाद कंपनी की यह योजना सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार 8 तेजस हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) की पहली खेप की डिलिवरी अगले 24–36 महीनों में होगी। रिपोर्ट के अनुसार इसके बाद इंजन की सप्लाई चेन तेज होने के साथ ही, आने वाले वर्षों बहुत ही तेजी के साथ उत्पादन होने लगेगा।
शुरू में धीमा उत्पादन, फिर तेज रफ्तार
मनी कंट्रोल ने सरकारी सूत्रों के हवाले से जो रिपोर्ट दी है, उसके अनुसार शुरू में उत्पादन की गति धीमी होगी, लेकिन चौथे साल से इसमें बहुत ही तेजी आ जाएगी। एचएएल और जीई के बीच 7 नवंबर को हुए समझौते के अनुसार अमेरिकी इंजन कंपनी 97 हल्के लड़ाकू विमान तेजस एमके1ए के लिए 113 (एफ404-जीई-आईएन20) इंजन देगा। शुरुआत में उत्पादन की धीमी गति भी इंजन की सप्लाई की रफ्तार के ही हिसाब से है।
तीन खेप में 72 तेजस की सप्लाई
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का इंटरनल चार्ट दिखाता है कि बाद में यह भारतीय वायु सेना को 24-24 फाइटर जेट की डिलिवरी तीन खेप में करेगा। यह डिलिवरी 37वें महीने, 49वें महीने और 61वें महीने में होगी। आखिर के 12 स्वदेशी फाइटर जेट की खेप 2031 के आखिर और 2032 के अंत के बीच होगी। इस गति से उत्पादन के लिए एचएएल की तीनों असेंबली लाइन पर काम चलेगा।
आगे के लिए 16 इंजन एक्सट्रा
97 तेजस के लिए 113 इंजन मंगवाए जाने के बारे में सूत्र ने बताया कि यह आगे की जरूरत को ध्यान में रखकर किया जा रहा है, ‘इंजनों की एक तय शेल्फ लाइफ होती है। बाद में उन्हें बदलने की जरूरत पड़ सकती है। अभी 113 इंजनों का करार हुआ है। जब बेड़े में विस्तार होगा तो और इंजनों के ऑर्डर दिए जाएंगे।’
कई उन्नत क्षमताओं से लैस है तेजस
तेजस एमके1ए भारत के स्वदेशी फाइटर जेट का पहले से ज्यादा उन्नत वेरिएंट है। इसका एवियोनिक्स आर्किटेक्चर नया है, रडार ज्यादा उन्नत हैं, यह हवा में ईन्धन भरे जाने की क्षमता से लैस है और बड़े युद्धों के लिए भी कारगर है।

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