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किसानों के हित के कार्यों पर सरकार का विशेष फोकस

The government's special focus is on works in the interest of farmers.
संजय द्विवेदी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसानों को आगामी चुनावों से पहले एक बड़ी सौगात दी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गत दिवस सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक के दौरान 95 नई नहर एवं सिंचाई से संबंधित परियोजनाओं को हरी झंडी दे दी। सरकार का दावा है कि इन परियोजनाओं से प्रदेश के कृषि क्षेत्र को नई मजबूती मिलेगी, सिंचाई व्यवस्था अधिक प्रभावी होगी और किसानों को निर्धारित समय पर पानी उपलब्ध हो सकेगा।
यूपी चुनाव 2027 से पहले गांव और किसानों को लेकर सरकार की ओर से रणनीति बनती दिख रही है। दरअसल, अगले साल प्रदेश में पंचायत चुनाव भी संभावित है। बिहार चुनाव से उत्साहित भाजपा अब ग्रामीण इलाकों में पकड़ को मजबूत बनाने के लिए किसानों की योजनाओं पर जोर देती नजर आ रही है।
36 हजार हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा
योगी सरकार कुल 394.53 करोड़ रुपये की लागत से इन परियोजनाओं को पूरा कराने में जुटी हुई है। इन योजनाओं के पूरा होने पर लगभग 36,000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता दोबारा बहाल होगी। इससे राज्य के करीब 9 लाख किसानों और ग्रामीण आबादी को सीधा लाभ पहुंचेगा। साथ ही विभाग की 273 हेक्टेयर राजकीय भूमि को भी संरक्षित किया जा सकेगा। सीएम ने सभी अफसरों को स्पष्ट निर्देश दिया कि कार्य समयबद्ध हों और गुणवत्ता से किसी भी स्तर पर समझौता न किया जाए।
क्या-क्या बनाया जाएगा
बैठक में यह बताया गया कि 95 परियोजनाओं में नहरों की पूरी प्रणाली को दुरुस्त करने और मजबूत बनाने पर जोर दिया गया है। सिंचाई सुविधाओं को बेहतर बनाने से किसान मल्टी फार्मिंग पर जोर दे सकेंगे। इन सभी कार्यों के जरिए सिंचाई नेटवर्क को और सक्षम बनाने का लक्ष्य है जिससे खेतों तक पानी बिना अवरोध पहुंचे। इससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।

इन इलाकों को होगा बड़ा फायदा
सरकारी समीक्षा के अनुसार इन परियोजनाओं का लाभ उन क्षेत्रों को अधिक मिलेगा, जहां सिंचाई अभी भी चुनौती है। इसमें पूर्वांचल, तराई क्षेत्र, बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से शामिल हैं। इन इलाकों में जल उपलब्धता, नहरों की टूट-फूट और संरचनाओं की जर्जरता को देखते हुए यह परियोजनाएं बेहद अहम मानी जा रही हैं।
जल प्रबंधन पर जोर
सीएम योगी ने बैठक में स्पष्ट किया कि इन परियोजनाओं का मकसद सिर्फ निर्माण कार्य नहीं, बल्कि जल प्रबंधन की दक्षता बढ़ाना, किसानों की आय में सुधार करना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि राज्य के किसी किसान की फसल सिंचाई के अभाव में खराब न हो। मुख्यमंत्री ने विभाग को अनुपयोगी पड़ी भूमि का सर्वेक्षण करने और उसके बेहतर उपयो के लिए विस्तृत योजना तैयार करने का निर्देश दिया।
बाढ़ प्रबंधन की भी समीक्षा
बैठक में बाढ़ प्रबंधन पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि अगले वर्ष की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जनवरी से ही बाढ़ से संबंधित तैयारियां शुरू कर दी जाएं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में जनप्रतिनिधियों के मार्गदर्शन से क्षेत्रवार विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाए ताकि समय रहते आवश्यक कार्रवाई की जा सके।

योजना के तहत प्रमुख कार्य इस प्रकार होंगे
नहर प्रणाली के गैप्स को भरने के लिए नई नहरों का निर्माण होगा।
हेड रेगुलेटर, क्रॉस रेगुलेटर, साइफन, फॉल जैसी पक्की संरचनाएं बनाई जाएंगी।
नहरों के आंतरिक एवं बाहरी सेक्शन का सुधार किया जाएगा।
फिलिंग रीच में लाइनिंग का काम किया जाएगा।
क्षतिग्रस्त कुलाबों का पुनर्निर्माण किया जाएगा।
पुल–पुलियों की मरम्मत एवं निर्माण किया जाएगा।
नहर पटरियों पर खड़ंजा बिछाने का काम होगा।
विभागीय निरीक्षण भवन एवं कार्यालय भवनों का जीर्णोद्धार किया जाएगा।
पनचक्कियों की मरम्मत होगी।
विभागीय भूमि की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल निर्माण कराया जाएगा।

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