ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। नीट यूजी उम्मीदवारों के लिए एक अहम खबर है। मद्रास हाई कोर्ट ने नीट परीक्षा दोबारा आयोजित कराने की मांग को ठुकरा दिया। यह निर्णय उन छात्रों की अपील को खारिज करने के बाद आया है, जो चेन्नई में बिजली कटौती के कारण परीक्षा प्रभावित होने की शिकायत कर रहे थे।
एस साई प्रिया और 11 अन्य छात्रों ने 6 जून के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी, जिसमें उन्होंने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) से बिजली कटौती के कारण प्रभावित हुए केंद्रों पर परीक्षा दोबारा कराने का अनुरोध किया था। ये छात्र चेन्नई के चार परीक्षा केंद्रों पर हुए बिजली कटौती की वजह से अपनी परीक्षा प्रभावित होने का दावा कर रहे थे।
कोर्ट का तर्क
न्यायमूर्ति जे निशा बानू और न्यायमूर्ति एम जोतिरमन की खंडपीठ ने कहा कि परीक्षा की ईमानदारी और निष्पक्षता को केंद्र अधीक्षक, निरीक्षक और एनटीए के पर्यवेक्षकों ने पूरी तरह सुनिश्चित किया है। एनटीए ने भी इस मामले की जांच की और परीक्षा के आंकड़ों का स्वतंत्र सांख्यिकीय विश्लेषण कराया।
विशेषज्ञ समिति ने परीक्षा में हल किए गए प्रश्नों की संख्या और अन्य केंद्रों से तुलना की, जिससे पता चला कि बिजली कटौती का परीक्षा प्रदर्शन पर कोई सांख्यिकीय प्रभाव नहीं पड़ा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अदालत ने कहा कि नीट जैसी बड़ी राष्ट्रीय परीक्षा में पुनः परीक्षा करवाना लगभग 20 लाख से अधिक उम्मीदवारों को प्रभावित करेगा और यह उचित नहीं होगा।
कोर्ट ने क्यों की अपील खारिज
अदालत ने कहा कि जब तक परीक्षा अधिकारियों द्वारा जांच स्पष्ट रूप से मनमानी या अवैध साबित न हो, तब तक कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता। परीक्षा की अखंडता और प्रशासनिक निर्णयों का सम्मान करना जरूरी है। इसलिए, याचिका में पुनः परीक्षा कराने की मांग को खारिज किया गया।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की अलग प्रतिक्रिया
इसी बीच, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 4 मई को इंदौर और उज्जैन में बिजली कटौती से प्रभावित उम्मीदवारों की पुनः परीक्षा पर रोक लगाई है। यह फैसला उस क्षेत्र में छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।































