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44 दिन तक चलेगा माघ मेला! 29 दिनों का होगा कल्पवास

The Magh Mela will last for 44 days, and the Kalpavas will last for 29 days.
ब्लिट्ज ब्यूरो

प्र यागराज। माघ मेला प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम तट पर हर वर्ष लगने वाला एक विशाल आध्यात्मिक और धार्मिक मेला है। यह हिन्दू परंपरा का एक अत्यंत पवित्र पर्व है। मान्यता है कि माघ मास में संगम में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं।
गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर हर साल लगने वाला माघ मेला शुरू होने वाला है। इस बार 3 जनवरी से शुरू होकर 15 फरवरी तक चलने वाला यह पवित्र आयोजन 44 दिनों तक श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभूति कराएगा। मेले का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा कल्पवास होता है। इसकी अवधि पंचांग की गणना के आधार पर निर्धारित की जाती है। कल्पवासियों और लाखों भक्तों के लिए यह अवधि तपस्या, साधना, संयम और आत्मशुद्धि का अद्वितीय समय माना जाता है।
माघ मेले की शुरुआत 3 जनवरी को पौष पूर्णिमा के स्नान से हुई। इसका समापन 15 फरवरी को महाशिवरात्रि स्नान के साथ होगा। यह पूरा कालखंड धार्मिक रूप से अत्यंत पवित्र माना जाता है। इसी दौरान संगम तट पर कल्पवासियों की भीड़ उमड़ती है। कल्पवास माघ मेले की आत्मा माना जाता है। कल्पवासी साधारण टेंटों और झोपड़ियों में रहते हैं। कल्पवासी प्रतिदिन गंगा स्नान करते हैं। मंत्र जाप, कीर्तन, प्रवचन और साधना में लीन रहते हैं। सांसारिक भोगों से दूर रहकर आध्यात्मिक जीवन का अभ्यास करते हैं। इन दिनों संगम तट पर लगने वाले टेंट सिटी लगभग 800 हेक्टेयर में बसाई जा रही है।
शाही स्नानः आस्था का सबसे बड़ा आकर्षण
माघ मेला अपने शाही स्नानों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। पिछले वर्ष महाकुंभ में भी शाही स्नान देखने और डुबकी लगाने लाखों श्रद्धालु उमड़े थे। शाही स्नान के दिन अखाड़ों के साधु-संत संगम तट की ओर भव्य शोभायात्रा निकालते हैं और पारंपरिक विधि-विधान के साथ पवित्र डुबकी लगाते हैं।

मेले के छह प्रमुख स्नान
3 जनवरी – पौष पूर्णिमाः मेला और कल्पवास का शुभारंभ
14 जनवरी – मकर संक्रांतिः सूर्य के उत्तरायण होने पर पवित्र स्नान
18 जनवरी – मौनी अमावस्याः सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण स्नान
23 जनवरी – वसंत पंचमीः सरस्वती पूजा और शुभ स्नान
1 फरवरी – माघी पूर्णिमाः कल्पवासियों का मुख्य स्नान
15 फरवरी – महाशिवरात्रिः अंतिम स्नान और मेले का समापन।

एक और वंदे भारत एक्सप्रेस
दुनिया के सबसे बड़े आस्था के मेले यानी माघ मेले में इस बार श्रद्धालु वंदे भारत एक्सप्रेस की भी सवारी करके संगम नहाने आएंगे। रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए बड़ा फैसला लिया है। 13 जनवरी से 25 जनवरी तक गोरखपुर-लखनऊ वाया प्रयागराज वाली वंदे भारत एक्सप्रेस प्रयागराज जंक्शन के बजाय सीधे फाफामऊ रेलवे स्टेशन से चलेगी। इससे लखनऊ, अयोध्या, गोरखपुर रूट के यात्रियों को भारी राहत मिलेगी।
सबसे खास बात यह है कि फाफामऊ स्टेशन अब सीधे गंगा पथ मार्ग से जुड़ गया है। मतलब, जो श्रद्धालु संगम स्नान करके या दर्शन करके लौट रहे होंगे, वे गंगा पथ से सीधे स्टेशन के पश्चिमी गेट पर पहुंच जाएंगे।

माघ मेले के लिए 2 जनवरी से हमसफर-प्रयागराज एक्सप्रेस शुरू
माघ मेला 2026 को देखते हुए रेलवे ने यात्रियों की भारी भीड़ से निपटने के लिए बड़ा निर्णय लिया है। दो जनवरी, 2026 से लगातार 47 दिन तक प्रयागराज जंक्शन की कई महत्वपूर्ण ट्रेनें अब सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन से चलेंगी और वहां रुकेंगी भी। इससे जंक्शन पर दबाव कम होगा और यात्रियों को आसानी होगी।
प्रयागराज एक्सप्रे.स (12417) अब जंक्शन की बजाय सूबेदारगंज से चलेगी। वापसी में यह सुबह 6:55 बजे सूबेदारगंज पहुंचेगी। इसी तरह प्रयागराज-लालगढ़ एक्सप्रेस (12403) रात 11:15 बजे सूबेदारगंज से रवाना होगी और वापसी में सुबह 4:40 बजे यहां आएगी।
सूबेदारगंज से चलेगी आनंद विहार हमसफर एक्सप्रेस
आनंद विहार हमसफर एक्सप्रेस (22438) भी सूबेदारगंज से चलेगी। 12 जनवरी से 25 जनवरी तक यह रात साढ़े बारह बजे रवाना होगी और सुबह 6:15 बजे वापस आएगी। कुछ ट्रेनों का समय थोड़ा बदल गया है, जैसे 22437 और 12275 अब रात 10:35 की बजाय अगले दिन 00:30 बजे रवाना होंगी। ही नहीं, राजधानी एक्सप्रेस समेत कई सुपरफास्ट ट्रेनें अब सूबेदारगंज पर रुकेंगी।

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