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नेता प्रतिपक्ष व कंजर्वेटिव पार्टी के अध्यक्ष पद की दौड़ तेज

The race for the post of Leader of Opposition and President of Conservative Party intensifies
ब्लिट्ज ब्यूरो

लंदन। भारतीय मूल की ब्रिटेन की पूर्व गृह मंत्री प्रीति पटेल उन छह उम्मीदवारों में शामिल हैं, जो कंजर्वेटिक पार्टी के अध्यक्ष और संसद में विपक्ष के नेता के पद के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं। इस दौड़ में पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी शामिल हैं।

प्रीति पटेल (52 वर्षीय) का मुकाबला कंजर्वेटिक पार्टी की सरकार में मंत्री रह चुके पांच अन्य नेताओं केमी बेडेनोच, जेम्स क्लेवरली, टॉम ट्यूजेंडहाट, रॉबर्ट केनरिक और मेल स्ट्राइड से होगा। पहले दौर के मतदान में सबसे कम मत पाने वाला उम्मीदवार चुनावी दौड़ से बाहर हो जाएगा।

आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी की हार से शुरू हुआ मुकाबला
यह चुनावी मुकाबला तब शुरू हुआ, जब इस साल चार जुलाई को आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी को लेबर पार्टी से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद से ऋषि सुनक विपक्ष के नेता के रूप में काम कर रहे हैं। वह इस पद पर तब तक रहेंगे, जब तक नया नेता नहीं चुन लिया जाता।

अब आगे बढ़ने का समय आ गया है
पटेल ने अपने संबोधन में कहा, अब आगे बढ़ने का समय आ गया है। मैं सकारात्मक सोच रखने वाली हूं और मेरे पास स्पष्ट लक्ष्य है। मैं अपनी पार्टी को फिर से मजबूत करूंगी ताकि हम अपने देश को सही नेतृत्व दे सकें। यह बात उन्होंने पहले दौर के मतदान से पहली कही। उनके चुनावी अभियान का नारा’जीत के लिए एकजुट हो’ है।

हमने पुलिस अधिकारियों की संख्या रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ाई
पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के मंत्रिमंडल में काम करने के अनुभव का जिक्र करते हुए पटेल ने कहा, जब मैं गृह मंत्री थी, तब हमने पुलिस अधिकारियों की संख्या रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ाई और उन्हें अपराध से लड़ने के लिए अधिक शक्तियां दीं। हमने अपराध के पीड़ितों को अधिक अधिकार दिए और घरेलू हिंसा के पीड़ितों के लिए सेवाएं और समर्थन बेहतर बनाया। हमने निशुल्क आवाजाही को समाप्त किया और आव्रजन और शरण प्रणाली में सुधार किए। आप मेरे अंदर एक ऐसा नेता पाएंगे जो ब्रिटेन के लोगों के लिए लड़ने के लिए तैयार है। एक इंटरव्यू में विथम की सांसद पटेल ने खुलासा किया कि उन्हें इंग्लैंड में पढ़ाई के दौरान नस्लवादी टिप्पणियों का सामना करना पड़ा था। उनका परिवार तानाशाह ईदी अमीन के शासन में उत्पीड़न से बचने के लिए 1960 के दशक में युगांडा से इंग्लैंड आया था।

मैं और भी मेहनत कर रही हूं
पटेल ने अखबार से कहा कि एक बच्चे को जब लोग लेबल करना शुरू कर देते हैं, तो वह उसके साथ पूरी जिंदगी रहता है। उन्होंने कहा, “मैं और भी मेहनत कर रही हूं ताकि मैं यह बता सकूं कि मैं पूरी तरह से सक्षम हूं।” उन्होंने इंग्लैंड के समुद्र तट पर परिवार की छुट्टियों के दिनों को याद करते हुए कहा, मेरी मां हमेशा हमारे लिए ढेर सारा खाना पैक करती थीं। एक अच्छे पिकनिक की तैयारी करती थीं। वह शाकाहारी हैं, इसलिए भारतीय चावल और चपातियां बनाती थीं। यह सब बहुत अद्भुत था।

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