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मप्र में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने का नियम हुआ आसान

ब्लिट्ज ब्यूरो

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने अब जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना आसान कर दिया है। इसके लिए बड़ा फैसला लेते हुए मंत्रिपरिषद की बैठक में इसे स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2024 लागू किए जाने की स्वीकृति दी गई है। महा रजिस्ट्रार कार्यालय, भारत सरकार से प्राप्त प्रारूप नियम के अनुरूप मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम 2024 तैयार किया गया है।

1999 के नियम की विभिन्न धाराओं में संशोधन
इसके लिए मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम 1999 की विभिन्न धाराओं में संशोधन किया गया है। मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम 2024 के कई मुख्य बिंदुओं को ध्यान में रखकर रजिस्ट्रीकरण प्रक्रिया को सुगम बनाया गया है। जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 के अनुसार जन्म या मृत्यु के 30 दिन के पश्चात किंतु एक वर्ष के भीतर जन्म, मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए अब सिर्फ महज स्वप्रमाणित आवेदन ही देना होगा। इससे पहले नोटरी या राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत किसी अन्य अधिकारी के समक्ष किसी शपथ-पत्र लगाने का झंझट था। अन्य निर्णयों में मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदेश के कृषकों की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रदेश में स्थापित 11 के.वी. फीडर्स को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत (सोलराइजेशन) किये जाने की स्वीकृति दी गई। इसके क्रियान्वयन से किसान को सिंचाई के लिए दिन में बिजली उपलब्ध होगी। इससे उनकी जीवन शैली व्यवस्थित हो सकेगी।

घाट-निर्माण के लिये 778 करोड़ मंजूर
कैबिनेट ने आगामी सिंहस्थ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए क्षिप्रा नदी के तट पर शनि मंदिर से नागदा बायपास तक 29.215 कि.मी. लंबाई के घाट-निर्माण कार्य के लिये 778 करोड़ 91 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रि-परिषद द्वारा संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी लिंक परियोजना के अंतर्गत परियोजना समूह की लागत 28,798 करोड़ 02 लाख रूपये है।

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