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ब्रह्मांड का जन्म बिग बैंग से नहीं हुआ, पहले था रहस्यमयी जीवन

The universe was not born from the Big Bang, there was mysterious life before it.
ब्लिट्ज ब्यूरो

नई दिल्ली। ब्रह्मांड को लेकर तमाम जानकारियों और खुलासों के बावजूद उसके रहस्य आज भी हमारे लिए पहेली बने हुए हैं। वैज्ञानिक दावा करते रहे हैं कि बिग बैंग ब्रह्मांड की शुरुआत थी। यह ब्रह्मांड की रचना का ऐसा वैज्ञानिक सिद्धांत है, जिसमें अरबों न्यूक्लियर बमों से ज्यादा जोरधार धमाके से अनंत अंतरिक्ष की रचना हुई। लेकिन, ताजा शोध में दावा किया गया है कि बिग बैंग वो थ्योरी नहीं है, जिससे ब्रह्मांड की रचना हुई। इससे पहले अंतरिक्ष में रहस्यमयी जीवन था और उससे ब्लैक होल और डार्क मैटर का निर्माण हुआ।

जर्नल ऑफ कॉस्मोलॉजी एंड एस्ट्रोपार्टिकल फिजिक्स में प्रकाशित शोध से पता चलता है कि बिग बैंग से पहले ब्रह्मांड में संकुचन का दौर था, जिसके कारण ब्लैक होल का निर्माण हुआ जो डार्क मैटर का स्रोत हो सकता है। कई भौतिकविदों का मानना है कि ब्रह्मांड का संकुचन और विस्तार अनंत रूप से होता है। यह वह दौर था, जिसके कारण ब्लैक होल बने।

ब्लैक होल व डार्क मैटर के संबंध में बदल सकती है समझ
शोध में यह बताया गया है कि यदि ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति को लेकर गुत्थी सुलझ गई है तो यह ब्रह्मांड के बारे में हमारी समझ को मौलिक रूप से बदल सकती है, विशेष रूप से ब्लैक होल और डार्क मैटर के संबंध में।

बिग बैंग थ्योरी क्या है?
वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्रह्मांड की शुरुआत बिग बैंग नामक एक विलक्षण घटना से हुई थी। जिसके बाद तेजी से विस्तार हुआ। बिग बैंग या ज़ोरदार धमाका, ब्रह्मांड की रचना का एक वैज्ञानिक सिद्धांत है। यह थ्योरी बताती है कि ब्रह्मांड कब और कैसे बना? इस सिद्धांत के अनुसार 15 अरब वर्ष पहले समस्त भौतिक तत्व और ऊर्जा एक बिंदु में सिमटे हुए थे। फिर इस बिंदु ने फैलना शुरू किया।

बम विस्फोट जैसा नहीं था बिग बैंग
बिग बैंग, बम विस्फोट जैसा विस्फोट नहीं था बल्कि इसमें प्रारंभिक ब्रह्मांड के कण, समूचे अंतरिक्ष में फैल गए और एक दूसरे से दूर भागने लगे। इस सिद्धांत का श्रेय एडविन हबल नामक वैज्ञानिक को जाता है। उन्होंने कहा था कि ब्रह्मांड का निरंतर विस्तार हो रहा है। जिसका मतलब ये हुआ कि ब्रह्मांड कभी सघन या संकुचित रहा होगा। हालांकि, यह नया शोध बिग बैंग थ्योरी से विपरीत है। इसके मुताबिक, ब्रह्मांड पहले संकुचन के चरण से गुजरा और विस्तार से पहले अत्यधिक सघन अवस्था में पहुंच गया। अध्ययन के अनुसार, इसकी वजह से ब्लैक होल और रहस्यमय डार्क मैटर का निर्माण हुआ। डार्क मैटर और ब्लैक होल नई रिसर्च से पता चलता है कि ब्रह्मांड के संकुचन चरण के दौरान छोटे ब्लैक होल बने जो धीरे-धीरे विस्तार चरण में पहुंचे और संभवतः इससे डार्क मैटर का निर्माण हुआ। डार्क मैटर पदार्थ का एक काल्पनिक रूप है जो प्रकाश या विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र के प्रभाव में नहीं आ सकता। फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च के शोध निदेशक पैट्रिक पीटर ने कहा, ब्रह्मांड के बहुत शुरुआती चरणों के दौरान छोटे और प्रारंभिक ब्लैक होल उत्पन्न हुए होंगे, और ये अभी भी मौजूद होंगे।

थ्योरी अभी अपने शुरुआती चरण में
हालांकि, वैज्ञानिकों की यह थ्योरी अभी अपने शुरुआती चरण में है, लेकिन शोधकर्ता का कहना है कि भविष्य की गुरुत्वाकर्षण तरंगे जैसे कि लेजर इंटरफेरोमीटर स्पेस एंटीना और आइंस्टीन टेलीस्कोप, इन प्रारंभिक ब्लैक होल के निर्माण के दौरान उत्पन्न गुरुत्वाकर्षण तरंगों का पता लगाने में सक्षम होंगी। इस तरह की खोज इस सिद्धांत का समर्थन करने के लिए महत्वपूर्ण सबूत प्रदान कर सकती है कि ये ब्लैक होल वास्तव में डार्क मैटर हैं।

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