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तुहिन कांत पांडे सेबी चीफ नियुक्त

Tuhin-Kanta-Pandey
ब्लिट्ज ब्यूरो

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने तुहिन कांत पांडे को अगला सेबी चीफ नियुक्त किया है। इनका कार्यकाल तीन साल का होगा। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय (डीओपीटी) ने पांडे की नियुक्ति को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। 1987 बैच के प्रशासनिक अधिकारी तुहिन कांत पांडे फिलहाल वित्त मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्यरत हैं। सरकार ने नियुक्ति आदेश में साफ किया है कि पदभार ग्रहण करने की तारीख से या अगले आदेश तक इनका कार्यकाल तीन साल का होगा। पांडे ओडिशा कैडर के वरिष्ठ आईएएस पदाधिकारी रहे हैं। करीब दो साल से भी अधिक समय पहले हुए एअर इंडिया विनिवेश प्रक्रिया के समय भी पांडे चर्चा में रहे थे।

कुछ तुहिन कांत पांडे के बारे में
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की टीम का अहम हिस्सा रहे वरिष्ठ नौकरशाह तुहिन कांत पांडे सितंबर, 2024 में वित्त सचिव बने थे। जनवरी, 2025 में उन्हें वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग (डीओआर) के सचिव का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया। एअर इंडिया के निजीकरण और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आईपीओ की प्रक्रिया में उल्लेखनीय योगदान के लिए चर्चित रहे पांडे वित्त मंत्रालय में आने से पहले गृह कैडर ओडिशा में प्रमुख सचिव के रूप में सेवाएं दे चुके हैं।

पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर यानी एमए की डिग्री हासिल करने वाले पांडे उच्च शिक्षा के लिए विदेश भी गए। पांडे ने बर्मिंघम विश्वविद्यालय (यूके) से मास्टर्स ऑफ बिजनेस एडिमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) की उपाधि हासिल की। बतौर नौकरशाह कई विभागों में वह अपनी क्षमताएं साबित कर चुके हैं।

पांडे वित्त मंत्रालय में आने से पहले, संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूएनआईडीओ) के क्षेत्रीय कार्यालय में भी योगदान दे चुके हैं। बतौर नौकरशाह ओडिशा सरकार के कई अहम पदों पर काम कर चुके पांडे, केंद्र में आने के बाद नीति आयोग (नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया) में संयुक्त सचिव, केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिवालय में संयुक्त सचिव और वाणिज्य मंत्रालय में उप सचिव के रूप में भी अपनी क्षमता साबित कर चुके हैं। बता दें कि नीति आयोग को पीएम मोदी के कार्यकाल से पहले योजना आयोग के रूप में जाना जाता था।

पांडे केंद्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग में भी उल्लेखनीय योगदान दे चुके हैं। वह निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) में भी रहे। लोक उद्यम विभाग (डीपीई) में भी सेवाएं दीं।

डीआईपीएएम और डीपीई दोनों वित्त मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करते हैं। पांडे सेबी की पहली महिला अध्यक्ष की जगह लेंगे। बता दें कि माधबी का कार्यकाल विवादित रहा है। बीते दिनों आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद माधबी को विपक्षी दलों ने कटघरे में खड़ा किया था।

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