ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के 6 प्रमुख शहरों लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, आगरा, प्रयागराज और गोरखपुर में वाटर मेट्रो सेवा शुरू करने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम शुरू कर दिया है। यह पहल न केवल शहरी परिवहन के लिए एक गेम चेंजर साबित होगी, बल्कि इन शहरों के रियल एस्टेट सेक्टर, खासकर गंगा और अन्य नदियों के किनारे बसे क्षेत्रों के लिए एक अभूतपूर्व उछाल ला सकती है।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य यातायात की भीड़ को कम करना, पर्यावरण अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देना और नदी के किनारे के क्षेत्रों को आर्थिक रूप विकसित करने में मदद मिलेगी।
रियल एस्टेट सेक्टर पर क्या असर?
वाटर मेट्रो का सीधा असर उन इलाकों की कनेक्टिविटी और पहुंच पर पड़ेगा, जो पहले मुख्य शहरी क्षेत्रों से कटे हुए हैं। वाटर मेट्रो शुरू होने से नदी किनारे स्थित आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों की मांग और कीमत में भारी वृद्धि होगी, उन क्षेत्रों में जहां वाटर मेट्रो के स्टेशन होंगे।
लखनऊ में गोमती रिवरफ्रंट, वाराणसी में अस्सी घाट/रामनगर और कानपुर में गंगा किनारे की संपत्तियां अब ‘प्रीमियम लोकेशन’ मानी जाएंगी, क्योंकि उन्हें यातायात का एक नया, तेज और सुंदर विकल्प मिल जाएगा।
वहीं वाटर मेट्रो एक तेज परिवहन विकल्प देगा, इसलिए अब लोग शहरों के केंद्र से दूर, लेकिन रिवरफ्रंट के पास घर खरीदना पसंद करेंगे। लखनऊ के बाहरी इलाके या कानपुर के गंगा पार के क्षेत्र, जो अब तक पिछड़े थे, वहां टाउनशिप और बड़े आवासीय प्रोजेक्ट्स का विकास तेजी से होगा। अच्छी कनेक्टिविटी के कारण, ये उपनगरीय क्षेत्र विकसित होंगे, जहां घर सस्ते होंगे लेकिन आवागमन आसान होगा।
पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी में उछाल
वाराणसी और आगरा जैसे पर्यटन स्थलों के लिए वाटर मेट्रो एक बड़ा आकर्षण होगी, जिसका सीधा लाभ हॉस्पिटैलिटी रियल एस्टेट को मिलेगा। वाराणसी में घाटों के पास या आगरा में यमुना के किनारों के पास होटल, बुटीक होमस्टे और सर्विस अपार्टमेंट की मांग बढ़ेगी, जिससे वाणिज्यिक रियल एस्टेट में निवेश आएगा। पर्यटन बढ़ने से छोटी-मोटी प्रॉपर्टी को किराए पर देने एयरबीएनबी मॉडल का चलन बढ़ेगा, जिससे स्थानीय लोगों को अतिरिक्त आय होगी।
वाटर मेट्रो स्टेशनों के आसपास नए वाणिज्यिक हब विकसित होंगे, जैसे, कैफे, फूड कोर्ट्स और ऑफिस स्पेस की मांग बढ़ेगी। यह उन डेवलपर्स के लिए एक आकर्षक निवेश का अवसर होगा जो मिश्रित उपयोग वाले प्रोजेक्ट्स पर काम करते हैं।
इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में तेजी
वाटर मेट्रो की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सरकार को न केवल नदी के बुनियादी ढांचे पर, बल्कि किनारे की सड़कों और एक्सेस पॉइंट्स पर भी भारी निवेश करना होगा। बेहतर सड़कें, पार्किंग सुविधाएं और पैदल यात्री मार्ग विकसित किए जाएंगे, जिससे इलाके का विकास होग। उत्तर प्रदेश में वाटर मेट्रो परियोजना सिर्फ एक परिवहन सुविधा नहीं, बल्कि नदी आधारित शहरी विकास की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

