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पति के हौसले से पत्नी ने छुआ आसमान

Wife touched the sky with husband's courage
ब्लिट्ज ब्यूरो

मुंबई। मुझे या मेरी पत्नी को भी देश की सेवा में रहना चाहिए, उन्हें देश की रक्षा करनी चाहिए। इंडियन आर्मी में तैनात पति की इस प्रेरणा से पत्नी भी राष्ट्रीय सेवा में शामिल हो गई हैं। महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के खड़कूट की रहने वालीं श्रद्धा शिंदे सैनिक बनकर देश की सेवा करेंगी। श्रद्धा का चयन केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में हो गया है। श्रद्धा अपनी इस सफलता के लिए पति और परिवार को श्रेय देती हैं। जैसे ही श्रद्धा के चयन की जानकारी गांववालों को हुई तो उन्होंने गाजे-बाजे के साथ एक जुलूस निकाला और उनका भव्य स्वागत किया।

कौन हैं श्रद्धा शिंदे?
श्रद्धा शिंदे अभी सिर्फ 21 साल की हैं। 12वीं पास करने के बाद 2020 में उन्होंने गोविंद शिंदे से शादी कर ली। गोविंद शिंदे हिमाचल प्रदेश में सेना में कार्यरत हैं। श्रद्धा का सपना पुलिस ऑफिसर बनने का था। ऐसे में उन्होंने शादी होने के बाद भी अपने माता-पिता के घर पर रहकर अपनी प्रैक्टिस जारी रखी। इस दौरान उनके पति गोविंद शिंदे ने श्रद्धा का जमकर हौसला बढ़ाया। इसका परिणाम आज सबके सामने है।

पुलिस भर्ती का सपना टूटा
इससे पहले पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा में सफल तो हो गईं लेकिन आगे एक अंक के कारण सपना टूट गया। हालांकि उन्होंने बिना थके प्रयास जारी रखा। इसके बाद पति की प्रेरणा से उन्होंने सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने का फैसला किया।

छत्तीसगढ़ में ट्रेनिंग के बाद ओडिशा में पोस्टिंग
एक साल पहले श्रद्धा शिंदे ने सीआईएसएफ का फॉर्म भरा था। वह इस पूरी भर्ती प्रक्रिया में सफल हुईं। इसके बाद छत्तीसगढ़ में छह महीने की ट्रेनिंग के बाद अब श्रद्धा का चयन ओडिशा राज्य में हुआ है। श्रद्धा की सफलता से उनके पति और माता-पिता खुश हैं।

ट्रेनिंग पूरी करके नांदेड़ पहुंचीं
श्रद्धा शिंदे के पिता आनंद कांकेल छोटे किसान हैं। श्रद्धा के अलावा उनका एक बेटा भी है। उन्होंने कड़ी मेहनत की और बेटी को अपना सपना पूरा करने में पूरा सहयोग किया। श्रद्धा को परिवार के साथ-साथ पति का भी सपोर्ट मिला। इसी बीच श्रद्धा अपनी ट्रेनिंग पूरी करके नांदेड़ पहुंचीं।

गांव में निकाला गया जुलूस
गांव की बेटी का सीआईएसएफ में चयन किए जाने पर ग्रामीणों की ओर से जुलूस निकाला गया। इस दौरान श्रद्धा शिंदे और उनके पति गोविंद शिंदे का अभिनंदन भी हुआ। राष्ट्रीय सेवा में लड़कियों का अनुपात बहुत कम है। सेना की नौकरी कठिन मानी जाती है लेकिन श्रद्धा शिंदे ने लड़कियों से देश की सेवा के लिए सेना में शामिल होने की अपील की है।

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