नई दिल्ली। हिंदूराव अस्पताल के हालिया अध्ययन में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक, दवाओं के दुष्प्रभाव का खतरा महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक होता है। खासतौर पर गर्भनिरोधक गोलियां या हार्मोनल थेरेपी ले रही महिलाएं इससे ज्यादा प्रभावित होती हैं।
दो साल में 252 मामले
अध्ययन के अनुसार, दो वर्षों में दवाओं के दुष्प्रभाव से जुड़े 252 मामले अस्पताल में सामने आए। इनमें से 60 फीसदी मामले महिलाओं में दर्ज किए गए। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कई महिलाएं बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक्स, दर्द निवारक और हाई ब्लडप्रेशर की दवाएं लेती हैं। इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। रिपोर्ट में पाया गया कि दवाओं के दुष्प्रभावों का सबसे अधिक असर पाचन तंत्र (35 फीसदी) पर देखा गया, जबकि 33 फीसदी मामलों में त्वचा पर एलर्जी या रिएक्शन हुए हैं। वहीं, 12 फीसदी मामलों को जागरुकता और सतर्कता से रोका जा सकता था।
शरीर में वसा की मात्रा अधिक होने का दावा
महिलाओं में पुरुषों की तुलना में दवाओं के दुष्प्रभाव अधिक होने के कई वैज्ञानिक कारण होते हैं। महिलाओं के शरीर में वसा की मात्रा पुरुषों की तुलना में अधिक होती है। इससे वसा में घुलनशील दवाएं शरीर में अधिक समय तक बनी रह सकती हैं। इसके अलावा महिलाओं के लीवर एंजाइम्स कई दवाओं को पुरुषों की तुलना में धीमे या तेज गति से तोड़ते हैं, जिससे दवा की प्रतिक्रिया अलग हो सकती है। इसके अलावा एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे महिला हार्मोन दवाओं की कार्यप्रणाली को प्रभावित करते हैं।
– 252 मरीजों पर अध्ययन किया गया हिंदूराव अस्पताल में
– पाचन तंत्र और त्वचा पर भी देखा जा रहा है गंभीर असर
विशेषज्ञों की सलाह
– nबिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक्स और दर्द निवारक गोलियां न लें।
– दवा लेने के बाद गैस्टि्रक समस्या, एलर्जी, चक्क र आना या किसी भी तरह की असहजता महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
– विशेष रूप से गर्भनिरोधक गोलियां या हार्मोनल बेरेपी लेने वाली महिलाओं को सावधान रहना चाहिए।

