ब्लिट्ज ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कैबिनेट बैठक में 30 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई। इनमें नई भवन उपविधियों को लागू करने, जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) को लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के हवाले करने और विभिन्न विकास परियोजनाओं को मंजूरी देने जैसे फैसले शामिल हैं। इसके साथ ही औद्योगिक निवेश, कराधान नीति, शिक्षा, और रोजगार से जुड़े कई प्रस्तावों को भी स्वीकृति दी गई।
कैबिनेट ने समाजवादी पार्टी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) को लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) को सौंपने का फैसला किया। इसके अलावा भवन उपविधि 2025 को भी अनुमोदन दिया गया है जिसके तहत अब आवासीय भवन में भी दुकान खोली जा सकेंगीं लेकिन, इसमें सड़क की चौड़ाई की बाध्यता होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यूपी कैबिनेट की बैठक लोकभवन में आयोजित की गई जिसके बाद में वित्त और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी, श्रम मंत्री अनिल राजभर और उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने पत्रकारों को जरूरी जानकारियां दीं।
नौकरी दिलाने की प्रतिबद्धता
श्रम और सेवायोजन विभाग ने दो प्रस्ताव पास किए हैं। यूपी रोजगार मिशन का गठन किया गया। इसके तहत देश और विदेश में सरकार अब रोजगार दिलवा सकेगी। एक साल में सरकार 30 से 35 हजार बेरोजगारों को विदेश में और देश में एक लाख बेरोजगारों को रोजगार दिलवाएगी। अभी तक सरकार देश के बाहर नौकरी नहीं दिला पाती थी।
एलडीए को लौटाने होंगे 821 करोड़ रुपए
सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि परियोजना के लिए गठित जेपीएनआईसी सोसाइटी को भंग कर दिया गया है। 821 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस केंद्र का संचालन और रखरखाव अब एलडीए करेगा।
अगले 30 वर्षों में इसके लिए 821 करोड़ रुपये से अधिक का लगा हुआ खर्च एलडीए को वापस करना होगा। यह निर्णय लंबे समय से चली आ रही सरकार और विपक्ष के बीच तनातनी को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
नई भवन उपविधियों और जोनिंग रेगुलेशन्स को मंजूरी
उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास उपविधियां तथा आदर्श जोनिंग रेगुलेशन्स-2025 को लागू करने का निर्णय लिया गया। यह कदम राज्य के शहरी विकास को और अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने की दिशा में उठाया गया है। नई उपविधियां शहरी क्षेत्रों में निर्माण कार्यों को नियंत्रित करने और मानकों को सुनिश्चित करने में मदद करेंगी।
एक्सप्रेस-वे और औद्योगिक विकास को बढ़ावा
कैबिनेट ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तक 49.960 किलोमीटर लंबे 6 लेन (8 लेन तक विस्तार योग्य) ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण को मंजूरी दी। यह परियोजना राज्य में कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगी। इसके अलावा, बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) के लिए प्रीपरेशन एंड फाइनलाइजेशन ऑफ प्लान रेगुलेशन-2025 को मंजूरी दी गई। बीडा के तहत 33 अतिरिक्त ग्रामों को शामिल करने और संशोधन के प्रस्ताव को भी स्वीकृति मिली।
औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन
उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 के तहत उच्च स्तरीय प्राधिकृत समिति (एचएलईसी) की 20 और 27 मार्च 2025 को हुई बैठकों की संस्तुतियों को मंजूरी दी गई। साथ ही, त्वरित निवेश प्रोत्साहन नीति-2020 के तहत 7 मार्च 2025 को हुई इम्पावर्ड कमेटी की संस्तुतियों को भी स्वीकृति प्रदान की गई। ये कदम राज्य में औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देंगे।
उत्तर प्रदेश मोटर यान कराधान अधिनियम, 1997 में संशोधन के तहत इलेक्टि्रक वाहनों (ईवी) के लिए नई कराधान नीति को मंजूरी दी गई। इसके तहत ई-वाहनों पर एकमुश्त कर की दर 2.5% निर्धारित की गई है। यह कदम पर्यावरण संरक्षण और ई-वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
प्रोफेसर भर्ती में लिखित परीक्षा भी होगी
राजकीय विद्यालयों में सहायक प्रवक्ता की भर्ती प्रक्रिया में संशोधन को मंजूरी दी गई। अब भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा विषयगत लिखित परीक्षा और साक्षात्कार दोनों आयोजित किए जाएंगे।
पहले केवल साक्षात्कार के आधार पर चयन होता था। इस बदलाव से चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और लिखित परीक्षा का महत्व अधिक होगा। इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश शैक्षिक (सामान्य शिक्षा संवर्ग) सेवा नियमावली-2025 में पंचम संशोधन को भी मंजूरी दी गई।
मोदी नगर में निजी विश्वविद्यालय
मोदी नगर, गाजियाबाद में डॉ. केएन मोदी विश्वविद्यालय की स्थापना को मंजूरी दी गई। यह कदम निजी क्षेत्र में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इसके अलावा बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण को मंजूरी मिली है। बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण को सृजित करके रेग्युलेशन पॉलिसी बनाई गई है। वित्त मंत्री ने बताया कि कैबिनेट बैठक में रोजगार प्रोत्साहन नीति जारी की गई, इसके तहत अलग-अलग उद्योगों के लिए अलग-अलग सब्सिडी दी जाएगी। वित्त मंत्री ने बताया कि कई बड़ी कंपनियों को सब्सिडी की घोषणा की गई है।
29 कारखानों से प्रतिबंध हटा, अब
महिलाएं भी कर सकेंगे यहां काम
कैबिनेट बैठक में महिला कारखाना श्रमिक के लिए भी प्रस्ताव पास किया गया है। केवल पांच प्रतिशत महिला श्रमिक कारखानों में काम करती हैं। 29 तरह के कारखानों में महिलाओं के काम करने पर प्रतिबंध था जो अब हटा दिया गया है। गांधी आश्रम और हस्तशिल्प निगम के उत्पादों की सरकारी खरीद अगले तीन साल तक जारी रहेगी।
जेम पोर्टल की अनिवार्यता समाप्त
सैनिक कल्याण निगम से सुरक्षा कर्मी पूर्व सैनिक सीधे लिए जा सकेंगे। अब इसके लिए जेम पोर्टल की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।
यूपी में अब इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल सिस्टम को शुरू किया जा रहा है। बजट की पूरी व्यवस्था को ऑनलाइन किया जाएगा। इसके साथ ही यूपी मोटर यान कराधान व्यवस्था में भी परिवर्तन किया गया है। ईवी वाहनों के लिए यह व्यवस्था की गई है। वन टाइम टैक्स की व्यवस्था की गई है, जो 2.50 प्रतिशत है।भाषा संस्थान के कार्मिकों के लिए रिटायर करने की आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष की गई है।
8 साल 8.5 लाख नौकरी
पी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आठ साल पूरे होने पर यूपी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया था। 92 पेज में योगी सरकार ने क्राइम से लेकर नौकरियां देने तक की सारी उपलब्धियां गिनवाईं ं। इस मौके पर सीएम योगी ने कहा था कि आठ साल पहले यूपी को एक ‘बीमारू’ राज्य और देश के विकास में अवरोधक माना जाता था लेकिन अब यही उत्तर प्रदेश देश की अर्थव्यवस्था के विकास का इंजन बनकर उभरा है। योगी के रिपोर्ट कार्ड के मुताबिक पिछले आठ साल में 8.5 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है।
सीएम योगी की रिपोर्ट कार्ड के अनुसार प्रदेश में 10 फरवरी 2016 में 18 प्रतिशत की बेरोजगारी दर थी जो अब घटकर 3 प्रतिशत हो गई है। वहीं, निष्पक्ष एवं पारदर्शी प्रक्रिया के तहत विभिन्न आयोगों एवं भर्ती बोर्ड द्वारा 8.5 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है वहीं, 1.38 लाख से अधिक महिलाओं को भी पिछले 8 साल में गवर्नमेंट जॉब मिली है।



























