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देश में निवेश का पसंदीदा गंतव्य बना रहा योगी का स्टेट… ‘ब्रांड यूपी’ में बदल रहा उत्तर प्रदेश

Employment opportunities will open up for villagers

विनोद शील
लखनऊ। उत्तर प्रदेश देश का ऐसा प्रदेश बनता जा रहा है जो एक के बाद, अनेक क्षेत्रों में ऐतिहासिक छलांग लगाता जा रहा है और नए-नए रिकॉर्ड रचता जा रहा है। यह प्रदेश अब आईटी, स्टार्टअप, डेटा सेंटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस, टेक्सटाइल और डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग जैसे कई क्षेत्रों का प्रमुख हब बन रहा है जहां कुशल मानव संसाधन और मजबूत औद्योगिक नीतियों के कारण इंफोसिस, एडोब और टेली परफॉर्मेंस जैसी बड़ी कंपनियों का निवेश बढ़ रहा है जिससे राज्य एक डिजिटल और औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित हो रहा है। इसमें डेटा सेंटर नीति 2021 यूपी में गेमचेंजर साबित हुई है और उत्तर प्रदेश ‘ब्रांड यूपी’ की तरह विकसित होने की ओर अग्रसर है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य आज देश के प्रमुख डिजिटल और टेक्नोलॉजी हब के रूप में उभरा है। प्रदेश में आईटी, स्टार्टअप और डेटा सेंटर सेक्टर का तेज विस्तार न केवल औद्योगिक वातावरण को बदल रहा है, बल्कि यूपी को राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत डिजिटल डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित कर रहा है। बीते कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में हुई प्रगति को विशेषज्ञ ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी करार दे रहे हैं। स्टार्टअप्स, आईटी सेक्टर और डेटा सेंटर जैसे भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में निवेश के आंकड़े साबित करते हैं कि उत्तर प्रदेश अब अपनी पुरानी ‘बीमारू’ छवि से बाहर निकल चुका है। सीएम योगी के नेतृत्व में यूपी ‘ब्रांड यूपी’ के रूप में बदल रहा है और यह एक ऐसा राज्य बन गया है जो देश के सबसे तेज उभरते औद्योगिक, डिजिटल और तकनीकी केंद्रों में शामिल हो चुका है।
वैश्विक आईटी कंपनियों का निवेश
इंफोसिस, एडोब, आईबीएम और टेली परफॉर्मेंस जैसी दुनिया की बड़ी आईटी कंपनियों के आने से राज्य में आर्थिक गतिविधियों में उल्लेखनीय तेजी आई है। साथ ही लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी खुल रहे हैं। टेक्नोलॉजी आधारित निवेश का यह सिलसिला यूपी को देश में निवेश का पसंदीदा गंतव्य बना रहा है।
रिकॉर्ड बढ़ा स्टार्टअप प्रोत्साहन
योगी सरकार ने स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत बनाने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन में अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी की है। वर्ष 2021-22 में स्टार्टअप प्रोत्साहन राशि 274 लाख रुपये थी। 2022-23 में यह बढ़कर 866 लाख रुपये हो गई। 2023-24 में यह राशि 1,326 लाख रुपये पहुंची। वहीं वर्ष 2025 में स्टार्टअप्स को 2,600 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा चुकी है।
सरकार की आईटी और आईटीईएस नीति ने भी निवेश आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसी वर्ष की शुरुआत में 2 एलओसी के माध्यम से 28.34 करोड़ रुपये का निवेश हुआ और 1,600 रोजगार उत्पन्न हुए।
सितंबर 2025 के बाद निवेश में बड़ा उछाल
सितंबर 2025 के बाद उत्तर प्रदेश को 3 बड़े निवेश प्रस्ताव मिले जिनकी कुल राशि 868 करोड़ रुपये है। इन प्रस्तावों से लगभग 7,800 नए रोजगार सृजित होंगे। इंफोसिस, एडोब, आईबीएम और टेली परफॉर्मेंस जैसी कंपनियों का लगातार निवेश यूपी को टेक्नोलॉजी और आईटी निवेश का राष्ट्रीय केंद्र बना रहा है।
डेटा सेंटर नीति की विशेष भूमिका
योगी सरकार की डेटा सेंटर नीति 2021 उत्तर प्रदेश की डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए क्रांतिकारी साबित हो रही है। इस नीति के बाद राज्य को बड़े पैमाने पर निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जिनमें एनआईडीपी के 9,134 करोड़, एनटीटी ग्लोबल डेटा सेंटर के 1,687 करोड़, अडाणी इंटरप्राइजेज के दो डेटा सेंटर प्रोजेक्ट में 2,416 करोड़ और 2,713 करोड़, एसटी टेली मीडिया ग्लोबल डेटा सेंटर के 2,130 करोड़ के निवेश शामिल हैं। ये प्रोजेक्ट तेजी से क्रियान्वयन की प्रक्रिया में हैं जिससे प्रदेश की डिजिटल क्षमता कई गुना बढ़ने वाली है।
इंडस्टि्रयल हब बनेगा ये जिला
गोरखपुर में लंबे समय से उपेक्षित माना जाने वाला दक्षिणांचल अब औद्योगिक विकास का नया केन्द्र बनने जा रहा है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की कनेक्टिविटी के साथ इंडस्टि्रयल टाउनशिप क्षेत्र में बदलते औद्योगिक परिदृश्य का प्रतीक बन रहा है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे बना विकास की धुरी
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की शानदार कनेक्टिविटी ने क्षेत्र के विकास की गति को कई गुना बढ़ा दिया है। इस एक्सप्रेसवे के कारण उद्योगों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक आसान पहुंच मिलेगी।
कनेक्टिविटी का भी हब
इसके अलावा उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक देश के विकसित राज्यों की अग्रिम श्रेणी में लाने के लिए योगी सरकार अवसंरचना तथा औद्योगिक विस्तार पर केंद्रित व्यापक रणनीति लागू करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है। ‘विकसित उत्तर प्रदेश 2047’ के लिए विजन डॉक्यूमेंट का निर्माण कार्य निरंतर जारी है और सरकार अब तक 98 लाख से अधिक नागरिकों और स्टेकहोल्डर्स से सुझाव प्राप्त कर चुकी है।

इनमें सबसे अधिक सुझाव कृषि, ग्रामीण विकास और शिक्षा से संबंधित हैं। स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे प्रदेश की विकास यात्रा में जनता की सक्रिय भागीदारी का सकारात्मक संकेत बताया है।
राज्य एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यंवस्था बनने के लक्ष्य की दिशा में दृढ़ता के साथ आगे बढ़ रहा है जबकि वर्ष 2047 तक छह ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए 15 से 16 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर आवश्यक मानी गई है। औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, जिसके अंतर्गत पात्र इकाइयों को 25 प्रतिशत तक पूंजीगत सब्सिडी की सुविधा उपलब्ध है।
पूर्वांचल और बुंदेलखंड को औद्योगिक विकास का नया केंद्र बनाने के उद्देश्य से यह सीमा 45 करोड़ रुपये तक निर्धारित की गई है। राज्य में 13 एक्सप्रेस-वे, 5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं जो इसे कनेक्टिविटी का भी हब बनाते हैं।

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