ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। मोदी सरकार जब तीसरी बार सत्ता में आई तो सबकी नजरें बजट पर थी। लोगों को उम्मीद थी कि सरकार इस बार बजट में कुछ बड़ी घोषणाएं करेगी। निर्मला सीतारमण ने भविष्य की राह पर लोगों को निराश नहीं किया। वित्त मंत्री ने बजट 2024 परमाणु ऊर्जा पर जोर दिया। वित्त मंत्री ने छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के विकास की घोषणा की है।
न्यूक्लियर एनर्जी को एनर्जी के घटक के रूप में भविष्य के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह देश में सीमेंट और स्टील उद्योग में एनर्जी का बेहतर विकल्प बनेगा।
निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी पर जोर
भारत सरकार ने स्मॉल न्यूक्लियर रिएक्टर के विकास के लिए निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करने पर जोर दिया था। अब यह घोषणा मूर्त लेने की तरफ बढ़ रही है। सरकार निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ 50 स्मॉल न्यूक्लियर रिएक्टर तैयार करने पर काम कर रही है। सरकार का लक्ष्य 40-50 छोटे मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों को स्थापित करना है, जो ज्यादातर कैप्टिव थर्मल पावर प्लांट्स को प्रतिस्थापित करेंगे। इसकी वजह है कि इसका टारगेट 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करना है। ऐसे में यह कदम क्लीन एनर्जी की दिशा में बड़ा कमाल करने जा रहा है।
क्या कह रहे इंडस्ट्रीज के लोग?
टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित शर्मा पहले ही कह चुके हैं कि हम प्रेशराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर के पुराने डिजाइन को लेंगे। फिर इसे मॉड्यूलर, स्केलेबल और फुकुशिमा के बाद के स्टैंडर्ड के अनुरूप सुरक्षा के लिए पुनःसंयोजित और पुनःडिजाइन करेंगे। शर्मा ने कहा कि छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (एसएमआर) के मामले में, योजना सात से आठ वर्षों से कम समय में 40-50 रिएक्टर बनाने की है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसके लिए उच्च स्तर के मानकीकरण, सुरक्षा और मॉड्यूलरिटी की आवश्यकता है।
कैसे मिलेगा फायदा?
भारत ने 2070 तक नेट-जीरो एमिशन प्राप्त करने के लिए क्लीन एनर्जी की खोज में अपने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र का विस्तार करने के उद्देश्य से, सरकारी वित्त पोषण और निजी भागीदारी की दोहरी खुराक से मदद के साथ छोटे रिएक्टरों के देसी संस्करण विकसित करने की योजना बनाई है। नई टेक्नोलॉजी को आधिकारिक रूप से अपनाने से भारतीय सार्वजनिक या निजी क्षेत्र की संस्थाओं और भारतीय बाजार पर नजर रखने वाली कई विदेशी कंपनियों के बीच गठजोड़ के लिए सकारात्मक माहौल बनेगा। बजट में प्रस्तावित देसी संस्करणों को ‘भारत स्मॉल रिएक्टर’ और ‘भारत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर’ के रूप में चिह्नित किया गया था।
क्या है स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर?
स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर) एडवांस न्यूक्लियर रिएक्टर हैं जिनकी बिजली क्षमता 300 मेगावाट (ई) प्रति यूनिट तक होती है। ये पारंपरिक न्यूक्लियर एनर्जी रिएक्टरों की उत्पादन कैपिसिटी का लगभग एक तिहाई है। एसएमआर, जो बड़ी मात्रा में कम-कार्बन वाली बिजली का उत्पादन कर सकते हैं।































