ब्लिट्ज ब्यूरो
वियनतियाने। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया के कई हिस्से जब संघर्ष व तनाव का सामना कर रहे हैं, ऐसे समय में भारत और आसियान की मैत्री, संवाद, समन्वय और सहयोग बेहद महत्वपूर्ण हैं। हमने दस साल पहले एक्ट ईस्ट नीति शुरू की थी, इसने भारत व आसियान देशों के बीच ऐतिहासिक रिश्तों को नई ऊर्जा, दिशा और गति दी है। पीएम मोदी 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दो दिवसीय दौरे पर लाओस पहुंचे थे। मोदी ने कहा, हम शांतिप्रिय राष्ट्र हैं, एक-दूसरे की राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हैं। हम क्षेत्र के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भारत-आसियान देश पड़ोसी हैं, वैश्विक दक्षिण में साझेदार हैं। यह ऐसा क्षेत्र है, जो तेजी से विकास कर रहा है। 21वीं सदी, जिसे एशियाई सदी भी कहा जाता है, भारत-आसियान देशों की सदी है। हम व्यापक रणनीतिक साझेदारी को बल देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। विश्वास है कि हम मिलकर मानव कल्याण, क्षेत्रीय शांति, स्थिरता व समृद्धि के लिए प्रयास करते रहेंगे।
पीएम मोदी ने कहा, आसियान की केंद्रीयता को ध्यान में रखते हुए भारत ने 2019 में हिंद-प्रशांत महासागर पहल शुरू की, जो हिंद-प्रशांत परआसियान दृष्टिकोण का पूरक है। बीते वर्ष क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए समुद्री अभ्यास भी शुरू हुआ।
एक दशक में आसियान देशों संग 10,915 अरब रुपये का कारोबार
मोदी ने कहा, पिछले दशक में आसियान देशों संग भारत का व्यापार करीब दोगुना होकर 130 अरब डॉलर यानी 10,915 अरब रुपये से अधिक हो गया है।
भारत की 7 आसियान देशों के लिए सीधी उड़ानें हैं। बुनेई के लिए भी उड़ानें जल्द शुरू होंगी। इसके लिए भारत ने सिंगापुर के साथ फिनटेक कनेक्टिविटी शुरू की है, जो आसियान क्षेत्र का पहला देश है। इस सफलता को अन्य देशों में भी दोहराया जा रहा है।