गुलशन वर्मा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स के 16वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूस के शहर कजान पहुंचे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन है। ब्रिक्स प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर संवाद और चर्चा के लिए अहम मंच के रूप में उभर रहा है। यहां होने वाली चर्चा एक बेहतर दुनिया के निर्माण में सहयोग देगी।
प्रधानमंत्री ने कजान रवाना होते हुए एक बयान में कहा था कि भारत ब्रिक्स सदस्य देशों के बीच करीबी सहयोग को महत्व देता है। पिछले साल नए सदस्यों को शामिल करने के साथ ब्रिक्स के विस्तार ने वैश्विक भलाई के लिए इसकी समावेशिता और एजेंडे को बढ़ाया है। उन्होंने कहा, ब्रिक्स वैश्विक विकास एजेंडा, बहुपक्षवाद, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक सहयोग, लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण, सांस्कृतिक और जन जुड़ाव को बढ़ावा देने जैसे मुद्दों पर बातचीत और चर्चा का अहम मंच बन गया है। मोदी ने कहा कि कजान की उनकी यात्रा से भारत-रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती मिली है। यहां ब्रिक्स के अन्य नेताओं से भी उनकी मुलाकात हुई।
ईरानी राष्ट्रपति से मुलाकात में प. एशिया में बढ़ती हिंसा पर चिंता
पीएम मोदी ने कजान में ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन के साथ मुलाकात में पश्चिम एशिया में बढ़ती हिंसा पर चिंता जताई। पीएम ने सोशल मीडिया पर कहा, हमने आपसी संबंधों पर विस्तृत चर्चा की। हमने आधुनिक और इनोवेटिव सेक्टर में संबंधों को और गहरा करने पर भी बात की। वहीं, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पीएम मोदी ने इस दौरान संघर्ष पर चिंता जताई और नागरिकों की सुरक्षा पर जोर दिया। उन्होंने तनाव कम करने के लिए बातचीत व कूटनीति की जरूरत पर जोर दिया। पेजेश्कियन ने कहा कि भारत क्षेत्र में संघर्ष कम करने में भूमिका निभा सकता है
भारत की नीतियों से दोनों देशों को फायदा : पुतिन
पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, हम जुलाई में मिले थे। तब बहुत अच्छी चर्चा हुई थी। आज भी कई मुद्दों पर चर्चा की। अंतर सरकारी आयोग की अगली बैठक 12 दिसंबर को नई दिल्ली में होगी। संयुक्त परियोजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है। भारत की नीतियों से दोनों देशों को लाभ मिलेगा। पुतिन ने कहा, हम आपको व आपके प्रतिनिधिमंडल को यहां देखकर बहुत खुश हैं।
पुतिन को भारत आने का न्योता
पीएम मोदी ने पुतिन को भारत आने का न्योता दिया। वह 2025 में भारत आ सकते हैं।
ब्रिक्स को खतरे के रूप में नहीं देखता अमेरिका
अमेरिका ने ब्रिक्स सम्मेलन पर कहा कि वह इसे किसी तरह के खतरे के रूप में नहीं देखता। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन को पुतिन या रूस के लिए भव्य प्रवेश द्वार के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
ब्रिक्स की अहमियत
43% वैश्विक आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।
35% योगदान वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में है।
32% वैश्विक भूमि क्षेत्र को कवर करते हैं ब्रिक्स देश।
20% वैश्विक निर्यात में सदस्य देशों का हिस्सा है।
भारत के लिए ब्रिक्स की अहमियत
वैश्विक संतुलन-विविधता : भारत ब्रिक्स को एक ऐसा मंच मानता है जो वैश्विक संतुलन, विविधता और बहुलता को प्रोत्साहित करता है।
समावेशिता और विस्तार : ब्रिक्स में नए सदस्यों को जोड़ने से इसकी समावेशिता और वैश्विक भलाई के एजेंडे को और मजबूती मिली है, जिसे भारत एक सकारात्मक कदम मानता है।
आर्थिक सहयोग : भारत ब्रिक्स के ढांचे के तहत आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत के एजेंडे : हाशिए पर पड़े वर्गों के डिजिटल और वित्तीय समावेशन और लाइफ मिशन ब्रिक्स मंच पर भारत की प्राथमिकताएं हैं।
आखिर ब्रिक्स है क्या?
यह अंग्रेजी अक्षरों बीआरआईसीएस से बना है। ‘ब्रिक्स’ दुनिया की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है। जैसा कि नाम से अनुमान लगाया जा सकता है, ये देश हैं – ब्राजील, रुस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका। ब्रिक्स के विचार की परिकल्पना वर्ष 2001 में की गई थी, जो 2006 में ब्रिक के रूप में सामने आई और 2010 में जब इस समूह में दक्षिण अफ्रीका शामिल हुआ, तो यह ब्रिक्स बन गया। अगस्त 2023 में दक्षिण अफ्रीका में हुए 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में लिए गए निर्णय के अनुसार अब समूह में 10 देश शामिल हैं। मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात नए पूर्ण सदस्य के रूप में ब्रिक्स में शामिल हुए हैं।
‘ब्रिक’ शब्दावली के जन्मदाता जिम ओ’नील हैं। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय कंसलटेंसी गोल्डमैन सैक्स से जुड़े ओ’नील ने इस शब्दावली का प्रयोग सबसे पहले वर्ष 2001 में अपने शोधपत्र में किया था। उस शोधपत्र का शीर्षक था, ‘बिल्डिंग बेटर ग्लोबल इकोनॉमिक ब्रिक्स’।
ब्रिक्स आज दुनिया की 43% आबादी, दुनिया के 32% भूमि क्षेत्र, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 35% और विश्व निर्यात का 20% कवर करता है। समूह के अनुसार, यह पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग विकसित करने के अवसर प्रदान करता है जो देशों के सतत विकास और वृद्धि में योगदान देता है।
ब्रिक्स के घनिष्ठ सहयोग को महत्व देता है भारत
भारत ब्रिक्स को वैश्विक संतुलन, विविधता और बहुलता का एक अहम मंच मानता है। रूस रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एक बयान में कहा, ‘भारत ब्रिक्स के भीतर घनिष्ठ सहयोग को महत्व देता है, जो अनेक मुद्दों बातचीत और चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है। पिछले साल नए सदस्यों को जोड़ने के साथ ब्रिक्स के विस्तार ने इसकी समावेशिता और वैश्विक भलाई के एजेंडे को और मजबूत किया है।’
रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने कहा कि भारत ब्रिक्स का संस्थापक सदस्य है और ब्रिक्स के ढांचे के भीतर आर्थिक सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। एक साक्षात्कार में कुमार ने कहा कि सम्मेलन में एजेंडे में भारत की तरफ से कुछ मुद्दे शामिल हैं, जिसमें आर्थिक सहयोग का और विस्तार, राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार समझौता, सतत विकास, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन की समस्याओं को दूर करने के लिए पीएम मोदी का LiFE मिशन, समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के डिजिटल समावेशन, वित्तीय समावेशन की दिशा में काम करना और भारत की कुछ उपलब्धियां शामिल हैं।