ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश और अन्य बीजेपी शासित राज्यों से अपने विधायकों, सांसदों और नेताओं को महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के लिए उतारा है, ताकि वे प्रवासी उत्तर भारतीय और अन्य समुदायों के बीच पार्टी के लिए समर्थन जुटा सकें। ये नेता अपने-अपने समाज और क्षेत्र के लोगों से संपर्क कर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
बीजेपी से कई उत्तर भारतीय नेताओं ने वर्ली, सायन-कोलीवाडा, दिंडोशी, वर्सोवा, कालीना सहित अन्य सीटों पर टिकट मांगे हैं। हालांकि, टिकट आवंटन में समाज के नेताओं की उपेक्षा हो रही है। यही वजह है कि यूपी से प्रचार करने आए नेताओं का असर ज्यादा नहीं दिख रहा है।
सुबह करते हैं राज्य के प्रभारी को रिपोर्ट
पार्टी के एक कार्यकर्ता ने कहा कि यूपी और अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में नेता और विधायक आए हैं। उन्हें हर दिन सुबह के वक्त राज्य के प्रभारी को रिपोर्ट करना पड़ता है। उन्हें बताना पड़ता है कि वे दिनभर कहां और कितने लोगों से मिले। इसके उन्हें फोटो भी भेजने पड़ते हैं। कहा जा रहा है कि जो नेता मुंबई के मूड से आए थे, उन्हें दिनभर लोगों से संवाद करना पड़ रहा है।
पहले प्रवासी उत्तर भारतीय इन नेताओं और विधायकों को खोजते थे, नेता अपने क्षेत्र और समाज के लोगों से मिलने का टाइम ले रहे हैं। दक्षिण-मध्य मुंबई के संतोष कुमार ने कहा कि चुनाव के दौरान तो इन नेताओं का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन चुनाव के बाद जब गांवों में समस्याएं आती हैं, तो यही नेता मदद के लिए उपलब्ध नहीं होते। उनके प्रचार से बीजेपी को कोई फायदा नहीं होने वाला है।
अपने क्षेत्र में नहीं दिला पाए थे वोट
मुंबई कांग्रेस के उत्तर भारतीय नेता संदीप शुक्ल ने कहा कि हर पार्टी दूसरे राज्यों से अपने नेता और विधायकों को प्रचार के लिए बुलाती है। इसमें आपत्ति वाली कोई बात नहीं है, लेकिन बीजेपी को यह समझना होगा कि मुंबई का उत्तर भारतीय बीजेपी के साथ नहीं है। वह यूपी से जिन नेताओं और विधायकों को प्रचार के लिए लाई है, लोकसभा चुनाव में यूपी में ये विधायक और नेता अपने क्षेत्र में बीजेपी को वोट नहीं दिलवा पाए थे। यही वजह है कि बीजेपी की सीटें घटकर आधी हो गईं। ऐसे नेताओं का प्रवासी उत्तर भारतीयों पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
इन नेताओं ने डाला मुंबई में डेरा
पार्टी के नेताओं के मुताबिक, यूपी और अन्य राज्यों से जो विधायक और वरिष्ठ नेता आए हैं, उनमें रमेश मिश्रा, आनंद स्वरूप शुक्ला, ओमप्रकाश त्रिपाठी, रमेश जैसवाल, शलभ मणि त्रिपाठी, अजय सिंह, भानुप्रताप सिंह, छट्ठू राम, रतन पाल सिंह, देवेंद्र सिंह, श्रीराम चौहान, सुरेंद्र चौरसिया, अवधेश सिंह, सुशील सिंह, रवि सोनकर, हरिओम मिश्रा, दयाराम चौधरी, अजय सिंह, प्रकाश वार्मोरा, हरेंद्र सिंह, राणा रणबीर सिंह, मनोज शर्मा, संजय सरावगी, शीतलाप्रसाद पटेल, रतनपाल सिंह, अनिकेत ठाकर, विपुल पटेल, पूनम बेन, अक्षय कुमार पटेल, रवि सोनकर, संजय सिंह, शचींद्र सिंह, डॉ. अवधेश सिंह, प्रदीप सिंह, मितेश पटेल आदि के नाम शामिल हैं।