ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा है कि एक करोड़ की नौकरी छोड़कर खुद का बिजनेस शुरू करना कैसा होगा? जानिए एक ऐसी शख्सियत की सफलता की कहानी, जिसने अपने सपनों को साकार कर करोड़ों की कंपनी बनाई।
आरुषि अग्रवाल की कहानी इस बात का प्रमाण है कि जोखिम उठाने से सफलता मिलती है। उन्होंने एक करोड़ की नौकरी ठुकराकर अपने सपने को चुना।
शुरुआती सफर
मुरादाबाद में जन्मी आरुषि ने अपनी शिक्षा नोएडा के एक निजी कॉलेज से पूरी की। उनके अंदर का जज़्बा हमेशा उन्हें आगे बढ़ाता रहा। 2018 में उन्होंने कोडिंग सीखना शुरू किया। केवल डेढ़ साल में उन्होंने अपने स्टार्टअप टैलेंटडिक्रिप्ट को विकसित किया, जो युवाओं को सही नौकरी दिलाने में मदद करता है।
नौकरी का प्रस्ताव ठुकराया
आरुषि को दो बार एक करोड़ रुपये की सैलरी का प्रस्ताव मिला, लेकिन उन्होंने अपने सपनों के लिए इन्हें ठुकराया। यह साहसिक निर्णय उनके करियर का टर्निंग पॉइंट बना।
छोटी पूंजी से बड़ा सपना
कोरोना महामारी के दौरान, आरुषि ने सिर्फ एक लाख रुपये से टैलेंटडिक्रिप्ट की शुरुआत की। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो कोडिंग उम्मीदवारों को उनकी योग्यताओं के अनुसार नौकरी दिलाने में मदद करता है।
– 380 कंपनियां कर रहीं उनके स्टार्टअप का उपयोग
कड़े सुरक्षा फीचर्स
टैलेंटडिक्रिप्ट की खासियत इसके सुरक्षा फीचर्स हैं, जो अनधिकृत उपकरणों के उपयोग को रोकते हैं। यह प्लेटफॉर्म रिमोट जॉब असेसमेंट को सुरक्षित बनाता है।
अंतरराष्ट्रीय पहुंच
आरुषि की कंपनी आज अमेरिका, जर्मनी, सिंगापुर, यूएई और कई अन्य देशों में सक्रिय है। 380 से अधिक कंपनियां उनके प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रही हैं।
युवाओं के लिए अवसर
टैलेंटडिक्रिप्ट युवाओं को हैकाथॉन के जरिए वर्चुअल स्किल टेस्ट के माध्यम से नौकरी दिलाता है। इससे सैकड़ों युवाओं को रोजगार मिला है।
पुरस्कार और मान्यता
भारत सरकार के नीति आयोग ने आरुषि को देश की 75 महिला उद्यमियों में से एक के रूप में सम्मानित किया, जो उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है।
प्रेरणा का स्रोत
आरुषि अग्रवाल की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए जोखिम उठाने का साहस रखते हैं। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें करोड़पति बना दिया है।