ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अदालतें जमानत आदेश के छह महीने बाद आरोपी पर बेल बॉन्ड जमा करने की शर्त नहीं लगा सकतीं। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी व जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि अगर अदालत मामले के गुण-दोष से संतुष्ट है तो उसे या तो जमानत दे देनी चाहिए या फिर उसे खारिज कर देना चाहिए।
पीठ ने पटना हाइकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। पीठ ने कहा, यह पिछले कुछ दिनों में हाईकोर्ट की ओर से पारित कुछ आदेशों में से एक है, जिसमें मामले के गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिए बिना हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को जमानत दे दी है। वह भी इस शर्त पर कि आरोपी आदेश के छह महीने बाद जमानत बांड पेश करेगा। पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश को रद कर दिया।