आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। भारतीय मूल के छह अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुनाव जीत गए हैं। मौजूदा कांग्रेस (अमेरिकी संसद) में इनकी संख्या पांच थी। सभी पांच मौजूदा भारतीय अमेरिकी सदस्यों को प्रतिनिधि सभा के लिए फिर से चुना गया है। भारतीय-अमेरिकी वकील सुहास सुब्रमण्यम ने वर्जीनिया और पूरे ईस्ट कोस्ट से चुने जाने वाले समुदाय का पहला व्यक्ति बनकर इतिहास रच दिया। सुब्रमण्यम ने रिपब्लिकन पार्टी के माइक क्लांसी को हराया। वह वर्तमान में वर्जीनिया राज्य के सीनेटर हैं।
सुब्रमण्यम ने कहा कि मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि वर्जीनिया के 10वें जिले के लोगों ने मुझ पर भरोसा जताया ताकि मैं सबसे कठिन लड़ाई लड़ सकूं और कांग्रेस में परिणाम दे सकूं। यह जिला मेरा घर है। मैंने यहां शादी की, मेरी पत्नी मिरांडा और मैं अपनी बेटियों का पालन पोषण कर रहे हैं और हमारे समुदाय के सामने आने वाले मुद्दे हमारे परिवार के लिए व्यक्तिगत हैं। वाशिंगटन में इस जिले की सेवा जारी रखना सम्मान की बात है।
‘समोसा काकस’ : अमेरिकी कांग्रेस में भारतीय मूल के अमेरिकियों के एक अनौपचारिक समूह को दिया गया नाम है। श्री थानेदार मिशिगन के 13वें कांग्रेशनल डिस्टि्रक्ट से लगातार दूसरी बार चुने गए। उन्होंने इसे पहली बार 2023 में जीता था। ने इलिनोइस के सातवें कांग्रेशनल डिस्टि्रक्ट से लगातार पांचवीं बार जीत दर्ज की है। कृष्णमूर्ति ने कहा कि व्हाइट हाउस और कांग्रेस पर नियंत्रण के लिए लड़ाई जारी है लेकिन मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि इलिनोइस के लोगों ने कांग्रेस में उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए मेरा अनुबंध बढ़ा दिया है।
इसी प्रकार कैलिफोर्निया के 17वें कांग्रेशनल डिस्टि्रक्ट का प्रतिनिधित्व करने वाले रो खन्ना और वाशिंगटन राज्य के सातवें कांग्रेशनल डिस्टि्रक्ट का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रमिला जयपाल ने भी जीत दर्ज की। पेशे से चिकित्सक अमी बेरा 2013 से कैलिफोर्निया के छठे कांग्रेशनल डिस्टि्रक्ट का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय मूल के सबसे वरिष्ठ अमेरिकी सांसद हैं। उन्हें लगातार सातवीं बार फिर से चुना गया।