ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध के बावजूद राजधानी में दिवाली के मौके पर बड़े पैमाने पर पटाखे जलाने पर कड़ी नाराजगी जताई। शीर्ष अदालत ने इसे गंभीरता से लेते हुए दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में विस्तृत हलफनामा देने का निर्देश दिया। साथ ही यह बताने को कहा है कि पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश का सख्ती से पालन क्यों नहीं किया गया ? पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि जो लोग पटाखा बेच रहे हैं, क्या उनके दुकानों/गोदामों और परिसरों को सील किया जा सकता है? पीठ ने कहा कि कुछ तो करना होगा, तभी कुछ ठोस परिणाम मिलेंगे।
जस्टिस ओका ने कहा कि अगली सुनवाई पर हम इस बारे में विचार करेंगे। इससे पहले, केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने पीठ से कहा कि इस साल पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश का उल्लंघन हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में आतिशबाजी, पराली जलाने, अपशिष्ट जलाने, वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन, औद्योगिक प्रदूषण आदि जैसे स्रोतों से होने वाले वायु प्रदूषण से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। जस्टिस अभय एस. ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि हम चाहते हैं कि आप (दिल्ली सरकार और पुलिस) पटाखों पर प्रतिबंध के आदेशों को सख्ती से लागू करने के लिए एक तंत्र बनाएं ताकि कम से कम अगले साल दीवाली पर 2024 जैसा हाल न हो। जस्टिस ओका ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश को लागू नहीं करने का परिणाम यह हुआ कि 2024 की दीवाली में दिल्ली में प्रदूषण अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर था और यह 2022 और 2023 की दीवाली से बहुत अधिक था।
इस मामले की सुनवाई अन्य त्योहारों पर भी लग सकती है पटाखे पर रोक
जस्टिस अभय एस. ओका ने कहा कि शीर्ष अदालत दीवाली के अलावा अन्य त्योहारों पर भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखेगी, लेकिन पहले वह वर्तमान प्रतिबंध आदेश की प्रकृति देखना चाहेगी। उन्होंने कहा मीडिया खबरों का हवाला देते हुए कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध के आदेशों का पालन नहीं हो रहा है। इससे प्रदूषण बढ़ रहा है।
गंभीर प्रदूषण की चपेट में दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर है। दिल्ली के 11 इलाकों का एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। राजधानी में सुबह और दोपहर बाद स्मॉग का असर देखा गया। अगले तीन-चार दिन में प्रदूषण की स्थिति में सुधार की संभावना बेहद कम है।
उच्चतम न्यायालय ने किए सवाल
– दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस बताए कि पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश का सख्ती से पालन क्यों नहीं किया गया?
– हम चाहते हैं कि पटाखों पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए एक तंत्र बनाएं ताकि अगले साल दीवाली में 2024 जैसा हाल न हो।
– लोग दूसरे राज्यों से पटाखे ला रहे हैं, पटाखों पर प्रतिबंध को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए लोगों में जागरुकता लाने की जरूरत है।
– राजधानी में पटाखों पर स्थायी प्रतिबंध लगाने के बारे में भी दिल्ली सरकार और पुलिस अधिकारी समुचित निर्णय लें। अगले साल क्या प्रभावी कदम उठाएंगे यह भी बताएं।