ब्लिट्ज ब्यूरो
अहमदाबाद। गुजरात के वडताल में श्री लक्ष्मीनारायण देव द्विशतवार्षिक महोत्सव मनाया जा रहा है। विक्रम संवत 2081 को कार्तिक सुद बारस तिथि को श्री लक्ष्मीनारायण देव की प्रतिष्ठा के 200 वर्ष पूरे हो गए और 201वां वर्ष शुरू हो गया। इस अवसर पर वडताल के आचार्य राकेश प्रसाद और मंदिर के संतों ने श्री लक्ष्मीनारायण देव, श्री राधा-कृष्ण और श्री वासुदेव जी को 8 किलोग्राम से अधिक शुद्ध सोने के तार से बनाये गए वस्त्र अर्पित किए हैं।
वडताल मंदिर के मुख्य कोठारी डॉक्टर संत वल्लभ स्वामी ने कहा कि स्वामीनारायण भगवान ने अपने हाथों से मंदिर की आधारशिला रखी, जहां उन्होंने खुद प्रतिष्ठा समारोह किया और अपने रूप की भी स्थापना की थी। जहां उन्होंने शिक्षापत्री लिखी, वहीं वडताल मंदिर में विराजित श्री लक्ष्मीनारायण देव, श्री राधा कृष्ण देव और वासुदेव जी के सोने के तार से बने वस्त्र तैयार किए गए हैं। भौतिक रूप से ये सुनहरे वस्त्र हैं, लेकिन जो लोग वडताल मंदिर के देवताओं में आस्था रखते हैं, उनके लिए ये भाव भरे वस्त्र है।
असली कपड़े जैसा ही अहसास होगा
उन्होंने आगे कहा कि हमने करीब 18 महीने पहले वस्त्र को बनाने का फैसला किया था। वस्त्र के डिजाइन को वडील संतों ने फाइनल किया था। वस्त्र का निर्माण 18 महीने तक चला। हमें इस बात पर गर्व है कि हमारे कारीगरों ने असली कपड़े जैसा महसूस कराने के लिए बहुत अच्छा काम किया है।
जन्माष्टमी, रामनवमी, नूतन वर्षा और वार्षिक पाटोत्सव के खास दिनों में भी भगवान को यही वस्त्र पहनाया जाएगा।