ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। रूसी मीडिया संस्थान स्पुतनिक ने अपने एक्स हैंडल पर भारत की पांच परमाणु मिसाइलों की तारीफ की है। उसने भारत के परमाणु पंच का वीडियो डाला है। कैप्शन में भी लिखा है कि इन्हें एक्शन में देखना आनंददायक है।’
अब जानते हैं इन मिसाइलों की ताकत…
अग्नि-5 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल इसे डीआरडीओ और बीडीएल ने मिलकर बनाया है। इसकी रेंज 5000 किमी से ज्यादा है। वजन 50 हजार किलो है। यह 17.5 मीटर लंबी है. इसका व्यास 2 मीटर है। इसके ऊपर 1500 किलो वजन का परमाणु हथियार लगा सकते हैं। यह मिसाइल एक सेकेंड में 8.16 किमी की दूरी तय करती है। यानी 29,401 किमी की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करती है.
इसमें रिंग लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, जीपीएस, नेवएलसी सैटेलाइट गाइडेंस सिस्टम लगा हुआ है। लॉन्च करने के लिए जमीन पर चलने वाले मोबाइल लॉन्चर का उपयोग किया जाता है। इसे ट्रक पर लोड करके सड़क से किसी भी स्थान पर पहुंचाया जा सकता है।
भारत अगर इस मिसाइल को दागता है तो वह पूरे एशिया, यूरोप, अफ्रीका के कुछ हिस्सों तक हमला कर सकता है।
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल
भारत की पहली ऐसी क्रूज मिसाइल जिसका इस्तेमाल भारत की तीनों सेनाएं करती हैं। इसके कई वैरिएंट्स मौजूद है। रेंज और सटीकता के हिसाब से उनकी मारक क्षमता भी है। सुखोई-30 एमकेआई भारतीय वायुसेना के सबसे खतरनाक फाइटर जेट्स में से एक है। ये विमान आवाज से दोगुना गति में उड़ता है। यानी 2120 किमी रफ्तार। 3000 किलोमीटर इसकी रेंज है। अब अगर इस विमान से ब्रह्मोस मिसाइल के नए एयर लॉन्च वर्जन को दागा जाएगा, तो दुश्मन की धज्जियां उड़ जाएंगी।
भारतीय वायुसेना की ब्रह्मोस मिसाइलों की रेंज 500 किमी है। भविष्य में इसे अन्य फाइटर जेट्स में भी लगाने की योजना है। ब्रह्मोस मिसाइल हवा में ही रास्ता बदलने में सक्षम है। चलते-फिरते टारगेट को भी बर्बाद कर देती है। यह 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम हैं, यानी दुश्मन के राडार इसे देख ही नहीं पाएगा।
यह किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा दे सकती है। इसको मार गिराना लगभग अंसभव है। ब्रह्मोस मिसाइल अमेरिका के टोमाहॉक मिसाइल से दोगुना तेज उड़ती है। यह मिसाइल 1200 यूनिट की ऊर्जा पैदा करती है, जो किसी भी बड़े टारगेट को मिट्टी में मिला सकता है। ब्रह्मोस मिसाइल के चार नौसैनिक वैरिएंट्स हैं।
के-4 एसएलबीएम
इस मिसाइल की रेंज 3500 किमी है। इसकी खासियत ये है कि यह देश को सेकेंड स्ट्राइक की क्षमता प्रदान करती है यानी देश के न्यूक्लियर ट्रायड को यह ताकत मिल जाती है कि अगर जमीन पर स्थिति ठीक नहीं है तो पानी के अंदर से सबमरीन हमला कर सकती है।
यह एक इंटरमीडिएट रेंज की सबमरीन से लॉन्च होने वाली परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल है। इसे नौसेना की अरिहंत क्लास पनडुब्बियों में लगाया गया है।इससे पहले भारतीय नौसेना के-15 का इस्तेमाल कर रही थी लेकिन के-4 उससे ज्यादा बेहतर, सटीक, मैन्यूवरेबल और आसानी से ऑपरेट होने वाली मिसाइल है।
आईएनएस अरिहंत और अरिघट पनडुब्बियों में चार वर्टिकल लॉन्चिंग सिस्टम हैं जिससे यह लॉन्च होती है। यह मिसाइल 17 टन वजनी और 39 फीट लंबी है। इसका व्यास 4.3 मीटर का है। यह 2500 किलोग्राम वजनी स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर हथियार ले कर उड़ान भरने में सक्षम है।
पृथ्वी एसआरबीएम/ पृथ्वी-2
इस मिसाइल की मारक रेंज 350 किमी है। यह मिसाइल सिंगल स्टेज लिक्विड फ्यूल मिसाइल है। इसके ऊपरी हिस्से में 500 से 1000 किलो के पारंपरिक या परमाणु हथियार लगा सकते हैं। यह दुश्मन के एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल टेक्नोलॉजी को धोखा देने में सक्षम है।
पृथ्वी-2 मिसाइल भारत की सभी मिसाइलों में सबसे छोटी और हल्की मिसाइल है। इसका वजन 4600 किलो,लंबाई 8.56 मीटर और व्यास 110 सेंटीमीटर है। पृथ्वी-2 मिसाइल में हाई एक्सप्लोसिव, पेनेट्रेशन, क्लस्टर म्यूनिशन, फ्रैगमेंटेशन, थर्मोबेरिक, केमिकल वेपन और टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन लगा सकते हैं।
के-15 सागरिका
भारत की परमाणु मिसाइलों में से एक के-15 सागरिका परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। पनडुब्बी से दागी जाने वाली इस मिसाइल की रेंज 750-1500 किमी है। भारतीय सेना के पास इसके दो वैरिएंट्स मौजूद हैं। पहली जमीन से दागी जाने वाली मिसाइल, दूसरी पनडुब्बी से दागी जाती है। इसके अलावा दो वैरिएंट्स बनाए जा रहे हैं। फिलहाल इसका इस्तेमाल भारतीय नौसेना ही कर रही है। इसे डीआरडीओ ने डिजाइन किया है। यह 9260 किमी की स्पीड से दुश्मन की ओर बढ़ती है।
इस मिसाइल का वजन 6-7 टन होता है। लंबाई 33 फीट और व्यास 2.4 फीट है। यह उच्च तीव्रता का विस्फोटक या परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। इसका दूसरा खतरनाक जमीनी वर्जन है शौर्य। यह एक हाइपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है।
शौर्य यह पारंपरिक और परमाणु हथियार दोनों ले जा सकती है। यह 50 किमी की ऊंचाई तक जा सकती है। इसकी रेंज 700 से 1900 किलोमीटर है. इसकी गति 9,500 किलोमीटर प्रतिघंटा है।