ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। मुख्यमंत्री व डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने बाद तीनों नेता मंत्रालय पहुंचे। फडणवीस ने पदभार लिया और शिंदे-पवार ने उन्हें गुलदस्ता भेंट किया। महाराष्ट्र चुनाव रिजल्ट के 13 दिन बाद नई सरकार बन गई है। देवेंद्र फडणवीस ने 10 साल में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। ऐसा करने वाले वह भाजपा के पहले नेता हैं। वह महाराष्ट्र के 21 वें सीएम बने हैं। शपथ के बाद वे पीएम मोदी के पास भी गए और अभिनंदन किया।
पहली कैबिनेट मीटिंग में देवेंद्र फडनवीस ने पुणे के मरीज चंद्रकांत शंकर कुरहाडे को इलाज के लिए मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष से 5 लाख रुपए की सहायता देने का फैसला लिया।
लाडली बहनों को 2100 रुपए देंगे
सीएम का चार्ज लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- हमारे रोल बदले हैं, हमारी दिशा नहीं बदली। सबको साथ लेकर चलने वाली सरकार आपको देखने मिलेगी। समस्याएं आएंगी तो हम लोग मिलकर रास्ता निकालकर महाराष्ट्र को आगे बढ़ाएंगे। लाडली बहन योजना में अभी 1500 रुपए दे रहे हैं, इसे बढ़ाकर 2100 करेंगे। पहले हम आर्थिक सोर्स मजबूत करेंगे, फिर इसे बढ़ाएंगे।
उन्होंने कि पिछले 2.5 सालों में हमने महाराष्ट्र के विकास के लिए काम किया है और यहां से भी हम महाराष्ट्र के विकास के लिए काम करेंगे और हम अब नहीं रुकेंगे। हम महाराष्ट्र की बेहतरी के लिए फैसले लेंगे। हम उन कामों को पूरा करना चाहते हैं जिनका जिक्र अपने घोषणापत्र में किया था।
9 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा, मंत्रिमंडल तय हो चुका है। इसमें ज्यादा बदलाव नहीं होंगे। शीतकालीन सत्र से पहले सभी मंत्रियों की शपथ कराकर पोर्टफोलियो बांट दिए जाएंगे।
शपथ ग्रहण समारोह में दिखी एनडीए की विराट शक्ति
शपथ ग्रहण समारोह में देश भर से एनडीए के कई मुख्यमंत्री और नेता पहुंचे। इनमें बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के मुखिया नीतीश कुमार, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया चिराग पासवान शामिल थे। केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और केंद्रीय मंत्री और आरपीआई प्रमुख रामदास अठावले ने भी यहां कार्यक्रम में शिरकत की। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आदि उपस्थित थे।