ब्लिट्ज ब्यूरो
आस्था भट्टाचार्य
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सीई 20 क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण करके अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में संपन्न यह परीक्षण गगनयान सहित भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए इंजन की विश्वसनीयता और दक्षता को और मजबूत करता है।
19 टन की बर्स्ट क्षमता
सीई 20 इंजन इसरो के एलवीएम 3 का मुख्य घटक है। यह इंजन चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और आगामी गगनयान जैसे प्रमुख मिशनों में सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है। 19 टन की बर्स्ट क्षमता वाले इस इंजन को भविष्य में 22 टन तक अपग्रेड करने की योजना है। इसरो के अनुसार यह परीक्षण भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक होगा।
इंजन की तत्परता प्रमाणित
गगनयान मिशन के लिए तैयार इस परीक्षण ने गगनयान मिशन के लिए इंजन की तत्परता को प्रमाणित किया है। इस परियोजना का उद्देश्य तीन अंतरिक्ष यात्रियों को कक्षा में भेजना है जो भारत को मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन वाले देशों के विशिष्ट समूह में शामिल करेगा।
तकनीकी नवाचार और परीक्षण की खास बातें
इसरो ने इस परीक्षण में मल्टी-एलिमेंट इग्नाइटर का उपयोग किया। जो इंजन को अंतरिक्ष में पुनः आरंभ करने की क्षमता प्रदान करता है। यह सुविधा जटिल मिशनों के दौरान अधिक लचीलापन और कार्यक्षमता सुनिश्चित करती है। परीक्षण प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न होने वाले कंपन और तापीय तनाव को नियंत्रित करने के लिए एक उन्नत नोजल सुरक्षा प्रणाली पेश की गई। यह प्रणाली न केवल संचालन को सुरक्षित बनाती है। बल्कि परीक्षण की लागत को भी कम करती है।
प्रदर्शन मानकों को पूरा किया
परीक्षण के दौरान इंजन और परीक्षण सुविधा दोनों ने प्रत्याशित प्रदर्शन मानकों को पूरा किया। इससे गगनयान सहित अन्य अंतरिक्ष अभियानों के लिए सीई 20 इंजन की विश्वसनीयता और क्षमता की पुष्टि हुई।
भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाएं
इस परीक्षण के सफल परिणाम इसरो की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता और पेलोड क्षमताओं को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। यह उपलब्धि वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की ताकत को बढ़ाने और देश को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भविष्य की ओर कदम
सीई 20 क्रायोजेनिक इंजन भारत के वर्तमान और भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों में अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है। इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की अथक मेहनत ने अंतरिक्ष में भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त किया है। इस सफलता के साथ भारत अंतरिक्ष अन्वेषण में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
– चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और आगामी गगनयान मिशनों के लिए सर्वथा उपयुक्त